कुम्भ कोरोना टेस्टिंग फर्जीवाड़ा: मैक्स सर्विसेज के पार्टनर ने अपनी याचिका ली वापस
मैक्स के सर्विस पार्टनर के याचिका पर हुई सुनवाई। कुम्भ स्नान में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्ज़ीवाड़े मामले में नए तथ्य आए सामने। मैक्स सर्विसेज के पार्टनर ने वापस ली अपनी याचिका।
हरिद्वार। कुम्भ स्नान में हुए कोरोना टेस्टिंग फर्ज़ीवाड़े में एक नया मोड़ सामने आया है। हाई कोर्ट ने कोरोना टेस्टिंग कुम्भ स्नान में हुए फर्जीवाड़ा मामले में आरोपित मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज के सर्विस पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान याचिकाकर्ता ने कोर्ट से अनुरोध किया कि मामले में कुछ तथ्य नए सामने आए हैं, लिहाजा उनको याचिका वापस लेने व दूसरी याचिका को पेश करने की अनुमति दी जाय। इस पर कोर्ट ने अनुमति दे दी है।
कल हाई कोर्ट के जज एनएस धानिक की एकलपीठ में मैक्स कॉरपोरेट के पार्टनर शरद पंत व मल्लिका पंत की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि वह मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेस में एक सर्विस प्रोवाइडर है। परीक्षण और डाटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था।
परीक्षण और डाटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग व सरकार के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। इन अधिकारियों ने परीक्षण स्टालों में जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दी थी। अगर कोई गलत काम कर रहा था, तो इस बीच अधिकारीगण चुप क्यों थें। गौरतलब है की हाल ही में हरिद्वार के सीएमओ ने पुलिस में मुकदमा दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि कुंभ मेले के दौरान उनके द्वारा अपनों को लाभ पहुंचाने के लिए फर्जी तरीके से टेस्ट किए गए।
आपको बता बता दें की पंजाब के एक व्यक्ति के द्वारा आइसीएमआर को एक शिकायत भेजी गयी थी। इस शिकायत में उसका कहना था कि कुंभ मेले में हुए कोरोना टेस्ट कराने वाली लैब द्वारा उनकी आईडी व फोन नंबर का गलत उपयोग हुआ है, जबकि उसके द्वारा रेपिड एंटीजन टेस्ट कराने के लिए कोई सैंपल नहीं दिया गया था।
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