
पीजी-नीट काउंसलिंग मामले पर आज होगी सुप्रीम कोर्ट सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी काउंसलिंग को लेकर अपना पक्ष रखा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, प्रवेश के संबंध में अनिश्चितता को समाप्त करने की जरुरत है। क्योंकि केंद्र ने काउंसलिंग की इजाजत मांगी है। जबकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 8 लाख रुपये की सालाना आय मानदंड पर आपत्तियों के कारण काउंसलिंग अटकी हुई है।
‘दी जाए काउंसलिंग की इजाजत’
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की पीठ के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, हम एक ऐसे बिंदु पर हैं, जहां काउंसलिंग अटकी पड़ी है। हमें इस कठिन परिस्थिति में डॉक्टरों की आवश्यकता है। जनवरी 2019 तक के कोटा की ओर इशारा करते हुए मेहता ने कहा, इसे पूरे देश में लागू किया गया है। सरकार ऐसी किसी भी स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकती, जिससे ओबीसी या ईडब्ल्यूएस को वैध रूप से मिली चीजों से वंचित किया जाए। ऐसे में काउंसलिंग की अनुमति दी जाए और कोर्ट आपत्तियों पर विचार जारी रख सकता है।
मामले में आज होगी सुनवाई
नीट पीजी के छात्रों ने 29 जुलाई को काउंसलिंग में ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के खिलाफ दायर की गई। अपनी याचिका में 8 लाख के आय के मानदंडों का विरोध किया था। छात्रों का कहना है कि, इस मानदंडों को लागू करने से पहले कोई भी अध्ययन नहीं किया गया।