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नई दिल्ली: तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आज एक बार फिर वायु सेना केएमआई श्री का रूसी कॉपर हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है। जिसमें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत उनकी पत्नी समेत 14 लोग सवार थे। आपको बता दें कि यह रूसी हेलीकॉप्टर में विपिन रावत उनकी पत्नी और रक्षा मंत्रालय से जुड़े अधिकारी यात्रा कर रहे थे यह हेलीकॉप्टर रूसी कॉपर है जिसका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर के रूप में होता है। खास बात यह है कि इस हेलीकॉप्टर का प्रयोग भारतीय सेना कई अभियानों से करती आई है इस सीरीज के करीब डेढ़ सौ से अधिक हेलीकॉप्टर भारत के पास उपलब्ध है।
तो आइए जानते हैं रूसी हेलीकॉप्टर के बारे में क्या है उनकी खासियत और उन्होंने आज तक के इतिहास में क्या भूमिका निभाई
गौरतलब है कि यह वही mi-17 सीरीज का भारी-भरकम ट्रांसपोर्ट हेलीकॉप्टर है जिस पर कि पाप डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत कुन्नूर से रवाना हुए थे। बता दें कि यह हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुल्लू के पास उल्टी में क्रैश हो गया यह हेलीकॉप्टर वैसे तो दुनिया भर में काफी ताकतवर और भारी-भरकम हेलीकॉप्टर्स में गिना जाता है। खास बात यह है कि भारत ने इस हेलीकॉप्टर का प्रयोग कारगिल युद्ध समेत कई तरह के अभियानों में भी कर चुकी है।
गौरतलब है कि भारत में सबसे पहले चांपा का परीक्षण 1975 में किया था वहीं 1977 में सोवियत संघ में उत्पादन होने लगा और अब तक रूस इसके कई बार इनका उत्पादन कर चुका है। दुनिया भर के तमाम देश इसका इस्तेमाल ट्रांसपोर्ट से लेकर सेंड या नो में करते हैं कई टन तक वजन लेकर हवा में उड़ सकता है वही इसमें तीन दर्जन लोग एक साथ बैठकर यात्रा भी कर सकते हैं।
मैं खास बात या कि भारत में 2008 से लेकर 2011 तक इस सीरीज के 150 हेलीकॉप्टर का आर्डर दिया था जिसे वर्ष 2016 में डिलीवर कर दिया गया था इसके बाद एमआई सीरीज के पुराने हेलीकॉप्टर को सेना ने हटा दिया। वहीं श्रीलंका सेना ने लिट्टे के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान इसका इस्तेमाल किया था कारगिल वालों से पहले फेम में भारतीय सेना ने भी इसकी सेवाएं ली थी।