
खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर अभियान
भारत देश में लोग सदियों से अगरबत्ती का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। भारत देश में कई संस्कृतियों का मिलन होता है। यहां अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने तरीकों से ईश्वर को खुश करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं। इसी वजह से कभी बोल दिया जलाते हैं ,तो कभी अगरबत्ती या धूप बत्ती का इस्तेमाल करते हैं। अगरबत्ती हमेशा से ही हमारे देश में बहुत ही महत्वपूर्ण रही है। कई लोग घर के वातावरण को शुद्ध करने के लिए अगरबत्ती का उपयोग करते हैं।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप

अगरबत्ती हो की सुगंध से ही मन खुश हो जाता है और इसी वजह से भारत देश में यह बहुत ही प्रचलित है। लेकिन भारत देश में ज्यादातर अगरबत्ती बाहर देशों से आती है। इसी वजह से भारत की सरकार ने एक और नई योजना बनाई है जो कि भारतीयों को आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी। सरकार द्वारा शुरू की गई इस अभियान का नाम खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर अभियान ( Khadi Agarbatti Atmnirbhar Mission ) है। आज हम आपको सरकार द्वारा शुरू की गई इसी योजना के बारे में बताने जा रहे हैं।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
क्या है अभियान?
भारत देश में पूजा-पाठ और ईश्वर की आराधना करने के लिए ज्यादातर धर्मों के लोग अगरबत्ती का उपयोग करते हैं। कई लोग ऐसे भी हैं जो कि घर का वातावरण शुद्ध करने के लिए और सकारात्मकता फैलाने के लिए अगरबत्ती लगाया करते हैं। अगरबत्ती के सुगंध से ही मन खुश हो जाता है। लेकिन भारत देश में ज्यादातर अगरबत्ती या बाहर देशों से आयात होकर आते हैं।
यह बात जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में प्रतिदिन 760 मीट्रिक टन अगरबत्ती का उत्पादन होता है।लेकिन अगरबत्तियों की खपत इसकी 2 गुनी यानी की लगभग 1490 मीट्रिक टन की है। अगरबत्ती के उत्पादन में इस भारी कमी के कारण चीन और वियतनाम जैसे देशों से इसका आयात किया जाता है। इससे साफ साफ अंदाजा लग्या जा सकता है कि अगरबत्ती निर्माण उद्यम में कितनी संभावनाएं हैं।
इसी वजह से मोदी सरकार ने अगरबत्ती के विदेशी आयात को कम करने और देश के विभिन्न हिस्सों में प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर अभियान ( Khadi Agarbatti Atmnirbhar Mission) की शुरुआत की है। 2 अगस्त 2020 को भारत की केंद्र सरकार द्वारा खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन (KAAM) को मंजूरी दी गई है। एमएसएमई मंत्रालय के बयान के रूप में, खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन (KAAM) योजना को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड पर डिज़ाइन किया गया है।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन ( Khadi Agarbatti Atmnirbhar Mission) को स्थायी रोजगार बनाने के लिए बहुत कम निवेश की आवश्यकता होगी जिसकी मदद से इसे हर कोई शुरू कर सकेगा। खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर मिशन निजी अगरबत्ती निर्माताओं को उनके द्वारा किसी भी पूंजी निवेश के बिना अगरबत्ती उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी और साथ ही कई लोगों को रोजगार भी मिल पाएगा।
केवीआईसी कारीगरों को स्वचालित अगरबत्ती बनाने की मशीन और पाउडर मिक्सिंग मशीन प्रदान करेगा जोकि निजी अगरबत्ती निर्माताओं के माध्यम से किया जाएगा जो व्यापार भागीदारों के रूप में समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। केवीआईसी ,मशीन की लागत पर 25 प्रतिशत और प्रति माह 75 प्रतिशत कारीगरों को आसान किस्तों में सहायता देगा।
इस अभियान की मदद से लोगों को बहुत फायदा होने वाला है और साथ ही साथ भारत देश आत्मनिर्भर भी बनेगा।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
क्या हैं अभियान की विशेषताएं ?
केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया यह अभियान सभी के लिए फायदेमंद होगा। इस अभियान के कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
–भारत का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा इस मिशन को सफल बनाने के लिए 55 करोड़ रुपये की रूपरेखा तैयार की गई है।
–क्षेत्रीय इलाकों में नए उद्यमियों को अगरबत्ती निर्माण के लिए जरूरी मशीनें, खादी और ग्रामोद्योग आयोग उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी के साथ व्यवसायियों को और भी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
–मशीन की लागत का 25% तक समर्थन के रूप में पेश किया जाएगा और 75% कारीगरों के नेतृत्व में होगा।
–इस व्यवसाय में मशीनों के खरीद पर व्यवसाय करने वाले को खादी और ग्रामोद्योग आयोग द्वारा 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी। बाकी बचे 75 प्रतिशत दाम को उद्यमी आसान किस्तों में चुका सकते हैं ।इससे व्यवसायियों को आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
–इस अभियान के तहत 1500 अगरबत्ती निर्माण से जुड़े उद्यमियों को 3 करोड़ 45 लाख रूपए तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
–50 करोड़ की लागत से 10 नए निर्माण क्लस्टर इस अभियान व इस कार्यक्रम के अंतर्गत बनाये जायेंगे।
–अभियान के तहत अगरबत्ती की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कनौज जिल में दो विकास केंद्र खोले जायेंगे।
– अगरबत्ती बनाने के लिए कारीगरों को मशीनों के परीक्षण से गुजरना होगा।
–इस योजना में खादी और ग्रामोद्योग आयोग, प्राइवेट व्यापार क्षेत्र से मिल कर इस व्यवसाय से जुड़े नए कारीगरों को प्रशिक्षण देने का खर्च सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
क्या हैं अभियान के उद्देश्य?
खादी अगरबत्ती आत्मनिर्भर अभियान के कुछ मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
–देश को अगरबत्ती निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना भी इसका मुख्य उद्देश्य है ताकि भारत को इन चीजों के लिए बाहर से आयात ना करना पड़े।
–देश के नागरिकों को इस योजना के तहत रोजगार देना अभियान का उद्देश्य है। वर्तमान में हो रहे सूक्ष्म और लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर हजारों रोजगार का सृजन होगा।
–देश के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू रोजगार से महिलाओं को रोजगार देकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
– आत्मनिर्भर भारत अभियान में तेजी लाना।
–स्थानीय उद्योगों व उद्योगो से जुडे कारीगरों को बढ़ावा देना और उन्हें अगरबत्ती के क्षेत्र में काम के लिए प्रोत्साहित करना।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
क्या हैं अभियान के लाभ ?
इस अभियान को ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए बनाया गया है जिसमें देश के जरूरतमंद श्रमिकों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सके। इस अभियान के कुछ मुख्य लाभ इस प्रकार है:
– देश में लागू इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों के साथ शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
–इससे लोगों को निश्चित रोजगार मिल सकेगा।
– अगरबत्ती के उत्पादन में और तेजी से वृद्धि हो पाएगी।
– क्षेत्रीय व स्थानीय रोजगारों को बढ़ावा मिलेगा।
– ग्रामीण अंचल की महिलाओं को इस योजना से घरेलू रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।
– इस योजना से श्रमिकों को प्रतिदिन की मजदूरी 250 रुपये या उससे अधिक मिल सकती है।
–स्वरोजगार और स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
–भारत में अगरबत्ती उत्पादन बढ़ने से विदेशी आयात कम होगा और देश में ही प्रोडक्टशन में बढोतरी होगी।
यह भी पढ़े : लखनऊ : पारिजात अपार्टमेंट में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर के डंपिंग की सूचना पर मचा हड़कंप
यह अभियान सभी के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होने वाला है क्योंकि न केवल यह आत्मनिर्भर अभियान बनने में और बढ़ने में मदद करेगा बल्कि साथ-साथ भारत में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भी मदद करेगा।