Kashmir: शोपियां मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर समेत 2 आतंकी ढेर
Kashmir: कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों ने एक ओर बड़ी कामयाबी मिली है। रविवार की रात को शोपियां के सादिक खान इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के हुई एकाउंटर में लश्कर-ए-तैयबा के टॉप कमांडर इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम सहित दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया।
कश्मीर (Kashmir) में IGP ने इसे आतंकवाद के खिलाफ जंग लड़ रहे सुरक्षाबलों के लिए बड़ी कामयाबी करार देते हुए इसके लिए बधाई दी। पुलिस महानिरीक्षक (IGP) कश्मीर विजय कुमार के अनुसार, लश्कर कमांडर इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम 2017 से घाटी में एक्टिव था। वह पहले जेकेपी में ही था।
एकांउटर स्थल से हथियार और गोला-बारूद सहित अन्य सामग्री भी बरामद की गई है। सर्च ऑपरेशन चलाने के बाद सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों के शवों को कब्जे में लिया और अभियान की अंत की घोषणा की।
पुलिस ने बताया कि यह एकांउटर शोपियां के सादिक खान इलाके में रविवार देर रात को शुरू हुई थी। सूचना के आधार पर SOG, सेना 34RR और CRPF के जवान इलाके में पहुंचे और उन्होंने आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जैसे ही सुरक्षाकर्मी आतंकी ठिकाने के नजदीक पहुंचे, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी।
सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों को आत्मसमर्पण करने के लिए भी कहा परंतु उन्होंने गोलीबारी जारी रखी। गोलीबारी का यह सिलसिला तड़के तक रूक-रूककर जारी रहा। बार-बार कहने पर भी जब आतंकवादियों ने सरेंडर नहीं किया तो सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को मार गिराया। शवों को मुठभेड़ में लेने के बाद जब उनकी पहचान की गई तो मारे गए आतंकियों में एक लश्कर-ए-तैयबा का टॉप कमांडर इश्फाक डार उर्फ अबू अकरम निकला।
IGP विजय कुमार ने भी इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने इन आतंकियों की तलाश जून में हुए तीन आतंकी हमलों के बाद से ही शुरू कर दी थी। हमें इस बात की जानकारी मिल गई थी कि इन हमलों में इन्हीं दोनों का हाथ है। शुक्रवार को इसी अभियान के दौरान श्रीनगर में सुरक्षाबलों ने दो स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया था। वे भी लश्कर-ए-तैयबा से ही संबंधित थे।
IGP ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या, मोबाइल की दुकान के मालिक की हत्या और ग्रेनेड हमले में 3 लोगों की मौत में भी लश्कर के इन्हीं आतंकियों का हाथ था। हम उन्हें ट्रैक कर रहे थे। कल रविवार को जब इस खबर की पुष्टि हुई तो CRPF ने घेराबंदी शुरू कर दी। हमने उनसे सरेंडर करने की अपील की लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई और दोनों मारे गए।