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कानपुर: बहुचर्चित बिकरू कांड में शामिल पूर्व SO विनय तिवारी और केके शर्मा बर्खास्त

बिकरू में हुए कथित मुठभेड़ के बाद से ही संदेह के दायरे में आए तिवारी से पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गहन

कानपुर: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बिकरू कांड मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की। चौबेपुर थाना क्षेत्र के फूल ऐसो विनय तिवारी और बीट इंचार्ज के के शर्मा को सेवा से बर्खास्त कर दिया। आरोप सिद्ध होने पर आईजी प्रशांत कुमार ने दोनों को बर्खास्तगी की कार्रवाई की। विभागीय जांच में पाया गया कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने मुठभेड़ से पहले ही हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को सूचना लिखकर दी थी।  बिकरू में हुए कथित मुठभेड़ के बाद से ही संदेह के दायरे में आए तिवारी से पुलिस और एसटीएफ की टीम ने गहन पूछताछ की थी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

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गौरतलब है कि विनय तिवारी लगभग 1 साल पहले चंदौली से कानपुर आए थे | और यहां पर उन्हें चौबेपुर का चार्ज सौंपा गया था। विनय तिवारी कानपुर में कहीं चौकी इंचार्ज तक नहीं रहे लेकिन अधिकारियों की सांठगांठ से पहले उन्हें चौबेपुर का ही चार्ज दिया गया। विनय तिवारी एक लावते से दरोगा जो सबसे ज्यादा समय तक चौबेपुर में तैनात रहे और इसके पीछे विकास दुबे का हाथ बताया जाता है।

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गौरतलब है कि 2 जुलाई 2020 में है कानपुर में बहुचर्चित बिक्री कांड हुआ था जिसमें विकास दुबे और उसके गुर्गों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी इस मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना के बाद नेत्र सुर्खियां बटोरी थी जब पुलिस ने विकास दुबे के कई साथियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। वहीं पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़ा था हालांकि यूपी लाने के दौरान रास्ते में कथित रूप से फरार होने के दौरान पुलिस ने गोलियों से उसकी मौत हो गई थी।

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