
रामपुर: 27 महीने बाद जेल से रिहा होने के बाद आजम खान की चुप्पी अब टूटने लगी है। अब तक सीधे तौर पर भाजपा सरकार को निशाने पर लेने से बचते दिखे आजम खान ने अपने को माफियाओं की सूची में शामिल करने पर देश की खुफिया एजेंसी, गृहमंत्री और प्रधान मंत्री पर सवाल उठाए हैं।
रामपुर लोकसभा सीट पर होने वाले उप चुनाव में टांडा कस्बे में हुई जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने पैगंबर साहब की शान में गुस्ताखी करने वालो को जमकर खरी खोटी सुनाई। वही अपने ऊपर दर्ज मुकदमों को खुद पर हुआ जुल्म करार दिया।
आजम खान ने कहा कि मुल्क के वजीरे आजम तक उनकी आवाज पहुंचेगी। वह गृहमंत्री को भी बताना चाहते हैं कि आपकी इंटेलिजेंस बहुत कमजोर है। आप के जितने खुफिया महकमे हैं, वह सब नाकाम हैं। आप कैसे बचाएंगे दुश्मन से मुल्क को। जब आप मेरा नाम माफिया नंबर 1 पर लेते हैं,किवोट हासिल करने के लिए और नंबर दो पर मुख्तार अंसारी का और नंबर 3 पर अतीक अहमद का तो उस वक्त पूरी दुनिया की इंसानियत शर्मिंदा हो जाती है। उस वक्त हिंदुस्तान की सारी इंटेलिजेंस कम से कम उनकी निगाह में फेल हो जाती हैं।
गृह मंत्री जी, अगर आपको आपकी इंटेलिजेंस यह इत्तिला देती है कि मैं माफिया हूं तो हिंदुस्तान का मुस्तकबिल खतरे में है। यह क्यों हुआ हमारे साथ। इसकी वजह भी जानने की कोशिश की कभी आपने। उन्होंने हर चीज बर्दाश्त की है। नबी करीम सल्लल्लाहो वाले वसल्लम की शान में तोहीन भी बर्दाश्त की है। बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि का मूवमेंट चला तो हम कन्वीनियंस थे। उसके बाद भी एक तकरीर और एक बयान मर्यादा पुरुषोत्तम रामचंद्रजी, सीता जी या कृष्ण जी की तोहीन में अगर कहा हो तो हम अपनी सजा खुद तजविश करेंगे।
हमारा मजहब रोकता है। हमारा अल्लाह, हमारा कुरान, हमारा ईमान बोलता है। हमारे नबी की हिदायत है। जुबान हमारे भी मुंह में है। कहना हमें भी बहुत कुछ आता है, लेकिन हमारा ये ईमान है कि जो हमारे प्यारे नबी की तोहीन करेगा, वह तबाह हो जाएगा। बर्बाद हो जाएगा। मिट जाएगा। अपनी तबाही का इंतजाम मत करो जालिमो। तुम्हें हिदायत करता हूं। प्यारे नबी के बारे में जो अल्फ़ाज़ कहे गए हैं, खबरदार उन्हें दोहराना मत। तुम गुनाहगार और गुना के हिस्सेदार मत बनना, जिसके इश्क में पूरी कायनात बनाई हो अल्लाह ने। उसकी तोहीन कोई बर्दाश्त नहीं करेगा।
आजम खान ने कहा इन्हीं नफरतों का अंजाम है, कि पूरा मुल्क आज जल रहा है। नफरत, इंसान से इंसान की। मैं हिंदू हूं। तू मुसलमान है। यह सिख है। यह ईसाई है। यह पंडित है। यह ठाकुर है। यह सैयद है। यह जाटव है। यह बाल्मीकि है। बांट दिया मुल्क को बहुत से हिस्सों में। कमजोर कर दिया सिर्फ किसलिए कि ताकत में है। ताकत तो हलाकू के पास भी थी। ताकत चंगेज़ के पास भी थी। हिटलर के पास भी थी, लेकिन दुनिया आज भी उन्हें जालिम के नाम से जानती है। लानत भेजती है उनके ऊपर। जम्हूरियत को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों, तारीखे याद रखेंगी। सिर्फ जालिम के नाम से याद रखेंगे। जम्हूरियत को और इंसानियत को मिटाने वाले के नाम से याद रखेंगे। हां मोहब्बत का कारोबार करें। कभी आग से आग नहीं बुझती। कभी सैलाब को पानी से नहीं रोका जा सकता कभी नफरत को नफरत से नहीं मिटाया जा सकता। आग को बुझाने के लिए पानी की जरूरत है। और नफरत को मिटाने के लिए मोहब्बत की जरूरत है। आओ गले लगो। मोहब्बत करो एक दूसरे से। जल रहा है इस वक्त मुल्क बेरोजगारी में।