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आदित्य L1 को ISRO ने भेजा अगली कक्षा में, अब पृथ्वी से इसकी दूरी होगी 22,459 किमी

इसरो अब 5 सितंबर को फिर बढ़ाएगा आदित्‍य L1 का ऑर्बिट

नई दिल्‍ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने रविवार (3 सितंबर) को आदित्य L1 स्पेसक्रॉफ्ट की ऑर्बिट बढ़ाई है। अब ये पृथ्वी की 245 Km x 22459 Km की कक्षा में आ गया है। यानी पृथ्वी से उसकी सबसे कम दूरी 245 किमी और सबसे ज्यादा दूरी 22459 किमी है। ISRO ने बताया कि अब 5 सितंबर को दोपहर करीब 3 बजे एक बार फिर आदित्य की कक्षा बढ़ाई जाएगी। इसके लिए कुछ देर इंजन फायर करने पड़ेंगे।

मिशन आदित्य L1 को 2 सितंबर को सुबह 11.50 बजे PSLV-C57 के XL वर्जन रॉकेट के माध्‍यम से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। इसकी लॉन्चिंग के 63 मिनट 19 सेकेंड बाद स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी की 235 Km x 19500 Km की कक्षा में स्थापित कर दिया था। लगभग चार महीने बाद यह 15 लाख Km दूर लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा। इस पॉइंट पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता, जिससे यहां से सूरज पर आसानी से रिसर्च की जा सकती है। ​

पांच पॉइंट्स में समझिए आदित्य L1 का सफर

PSLV रॉकेट ने आदित्य को 235 x 19500 Km की पृथ्वी की कक्षा में छोड़ा।

16 दिनों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा। पांच बार थ्रस्टर फायर कर ऑर्बिट बढ़ाएगा।

फिर से आदित्य के थ्रस्टर फायर होंगे और ये L1 पॉइंट की ओर निकल जाएगा।

110 दिन के सफर के बाद आदित्य ऑब्जरवेटरी इस पॉइंट के पास पहुंच जाएगा।

थ्रस्टर फायरिंग के जरिए आदित्य को L1 पॉइंट के ऑर्बिट में डाल दिया जाएगा।

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