
युवाओं को करना होगा, सपनों की बुनियाद को समझने का प्रयास
भारत के अंदर सबसे ज्यादा आबादी में युवा रहते हैं इसकी जानकारी संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2014 में अपनी रिपोर्ट के अंदर दी थी दरअसल 2014 में एक रिपोर्ट जारी करें संयुक्त राष्ट्र संघ कहा था कि भारत सर्वाधिक युवाओं वाला देश है । 2014 में जारी करी गई रिपोर्ट की माने तो उस वक्त भारत की कुल जनसंख्या में 28% हिस्सा 10 से 24 साल के युवाओं का था । देशवासियों ने जब इस रिपोर्ट को पढ़ा और जाना तो उनके अंदर एक मजबूत सशक्त और विकसित भारत को लेकर एक नई उम्मीद जागी थी इस रिपोर्ट में भारत में होने वाली संभावनाओं को लेकर विश्वास व्यक्त किया गया था ।
यह भी पढ़े : कोरोना से जल्द होना चाहते हैं स्वस्थ ? यह एक्सरसाइज आपके बेहद काम आएंगी

वास्तव में जिस तरह से आज पूरा देश अपनी युवा शक्ति को लेकर आशा नेतृत्व है जिस तरह लोग युवा कंधों पर भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनने की तरफ देख रहे हैं वही युवाओं को सपनों की बुनियाद को समझने का प्रयास करना चाहिए हमें आज के युवा भारत की वास्तविकता को समझाने का प्रयास करना चाहिए साथ ही खुद एक युवा होने के बावजूद आशंकित महसूस करना चाहिए कि क्या वास्तव में हम देश को अपने कंधों पर वह गति देने को तैयार हैं जिस गति के लिए देश इंतजार कर रहा है? क्या हम उस दिशा में अग्रसर है कि करोड़ों देशवासियों की उम्मीदों का भारत बना सके अपनी भावनाओं को दरकिनार एकर इन प्रश्नों का जवाब युवाओं को ढूंढना ही होगा।
यह भी पढ़े : कोरोना से जल्द होना चाहते हैं स्वस्थ ? यह एक्सरसाइज आपके बेहद काम आएंगी
कहा जाता है कि किसी भी देश के युवा उस देश के लिए जमा पूंजी होती हैं जो देश के भविष्य की संभावनाओं का प्रतीक होता है वही देश की जमा पूंजी के रूप में युवाओं को अपनी भूमिका को समझने की बहुत आवश्यकता है वास्तव में हम अपनी राह से भटक गए हैं। आज का भटका हुआ युवा भारत के भविष्य को किस और ले जाएगा यह तो भविष्य ही बताएगा लेकिन हमारा कर्तव्य बनता है कि युवाओं को एक अच्छी दिशा में लेकर चले और खुद ही युवा होने के चलते हमें इस बात को गंभीरता से समझने की जरूरत है कि हम खुद के भविष्य के साथ साथ देश के भविष्य को ना डुबाए।
आज भारत की युवाओं पर जो पूरा देश गौरव की नजरों से देख रहा है उस भारत की कमियों खामियों और समस्याओं के साथ-साथ वर्तमान परिस्थिति को भी गंभीरता से समझने की अत्यंत आवश्यकता है इस प्रयास में चलिए देखते हैं कि युवा भारत की वर्तमान दशा और दिशा युवाओं की नजरों में क्या है।
यह भी पढ़े : कोरोना से जल्द होना चाहते हैं स्वस्थ ? यह एक्सरसाइज आपके बेहद काम आएंगी
नशा – भारत के अंदर युवाओं की सबसे बड़ी समस्या नशा है आज जिस तरह से युवाओं में अपने आप को आधुनिक और फिल्मी दिखाने के प्रयास में नशीले पदार्थ का सेवन करने का प्रचलन बढ़ रहा है यह भारत के भविष्य के लिए भी उतना ही जानलेवा है जितना कि युवा के भविष्य के लिए साथ ही उन सभी परिवारों के लिए भी नशा उतना ही जानलेवा है. .
दुर्भाग्य की बात यह है कि आज युवाओं को इस बात की गलतफहमी पैदा हो चुकी है कि बड़ा आदमी बनने के लिए नशा युक्त जीवन शैली अपनाना बहुत आवश्यक है और इस प्रयास में छात्र जीवन में ही अपने माता-पिता की गाढ़ी कमाई को नशे में उड़ाना शुरू कर देते हैं.
यह भी पढ़े : कोरोना से जल्द होना चाहते हैं स्वस्थ ? यह एक्सरसाइज आपके बेहद काम आएंगी
शराब की बोतलों में आधुनिकता का प्रयास कर रहे युवाओं को नशे की सारी खामियां पते होने के बावजूद शौक अंधेरी दुनिया में घसीट रहा है. ऐसे में इस बात पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है कि जो युवा स्वयं नशे में चूर हो जो मानसिक और वैचारिक रूप से अपंगता का शिकार हो चुका हो वो कभी भी राष्ट्र और समाज को सही दिशा नहीं दिखा सकता है ।
शिक्षा के बदलते मायने : आज इस बात को देखकर बड़ा अफसोस होता है कि युवाओं की नजरों में शिक्षा के मायने बदलते जा रहे हैं आज के दौर में शिक्षा का उद्देश्य जन उपार्जन नहीं सिर्फ धन उपार्जन हो गया यानी आज का युवा शिक्षा पाने के लिए नहीं बल्कि सिर्फ धन पाने के लिए ही अपने आप को शिक्षित करना चाहता है आज हर कोई सिर्फ इसलिए अध्ययन में लगा है कि उसे प्रमाण पत्र मिल जाए जिसके आधार पर वह सरकारी नौकरी और गैर सरकारी नौकरियों में प्रवेश के लिए अपने आप को योग्य साबित कर सकें।
यह भी पढ़े : कोरोना से जल्द होना चाहते हैं स्वस्थ ? यह एक्सरसाइज आपके बेहद काम आएंगी
युवाओं की इसी सोच से युवाओं का ज्ञान मात्र परीक्षा तक ही सीमित रह जाता है साथ ही अध्ययन शैली पर भी इसका प्रभाव पड़ता है हमसे वही पढ़ना चाहते हैं जो परीक्षा में संभावित हो उससे अधिक हमें पढ़ना शुरू लगता है और इसी प्रयास में हम उन निजी शिक्षक संस्थानों के चक्कर लगाना शुरु कर देते हैं जो अध्ययन कराने के नाम पर आप से मोटी रकम वसूलते हैं।