दुश्मन के छक्के छुड़ाने को तैयार भारतीय वायुसेना का मिराज 2000, जानिये कौन से गुणों से परिपूर्ण
हमारे देश के वायु सेना के जाबांज अब और ताकतवर होने जा रहे है। जिसके लिए फ्रांस से दो सेकेंड हैंड मिराज 2000 लड़ाकू विमान वायु सेना में शामिल हुआ हूं। विमान ग्वालियर एयरबेस पर आज पहुंचा है।
एक समाचार एजेंसी से मुताबिक, भारतीय वायु सेना में शामिल होने जा रहे ये विमान इसके पहले फ्रांस के शक्तिशाली लड़ाकू विमानों के बेड़े में से एक थे। फ्रांस से भारत पहुंचे दोनों मिराज विमान ट्रेनर वर्जन हैं। इन दोनों विमानों को अब हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में चल रहे मिराज अपग्रेड प्रोग्राम के तहत नए मानकों पर अपग्रेड किया जाएगा। इंडियन एयरफोर्स अभी तक 51 मिराज विमान प्राप्त हो चुके हैं। जिसमें तीन स्क्वाड्रन बने हैं ओर सभी की तैनाती ग्वालियर वासु सेना स्टेशन पर है। फ्रांस की मदद से मिराज का अपग्रेडेशन जारी है।
इन ख़ासियत से है परिपूर्ण
मिराज की 10 मार्च 1978 को पहली उड़ान हुई थी।
यह एक सीट वाला फाइटर जेट है
मिराज कम से कम एक घंटे में 2495 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है
फ्रांस से मिराज को भारत ने 1980 के दशक से खरीदा गया था।
विश्व के टॉप 10 लड़ाकू विमान में शूमार है ‘मिराज-2000’
भारतीय वायुसेना ने बालाकोट स्ट्राइक के लिए मिराज 2000 लड़ाकू विमान का ही उपयोग किया था।
यह विमान जमीन के साथ-साथ हवा में मौजूद दूसरे प्लेन्स को भी निशाना बनाने में सक्षम है