
JDU विधायक ने सुनाया अपना दर्द, कहा- अफसर छोड़िए, चपरासी भी मेरी नहीं सुनते
बिहार सरकार के मंत्री मदन सहनी ने दिया इस्तीफा
बिहार : गुरुवार शाम बिहार की राजनीति में कुछ ऐसा हुआ जिसकी कल्पना सीएम नीतीश (CM Nitish) ने भी नहीं की होगी। नीतीश सरकार के अफसरों की तानाशाही को वर्षों से झेलते-झेलते समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी (Madan Sahni) इतने परेशान हो गए कि उन्होंने अपना इस्तीफा ही दे डाला।
मंत्री मदन सहनी ने कहा कि, ‘सब कुछ अब बर्दाश्त के बाहर हो रहा है, मेरे महकमे में अधिकारी तो छोड़ दीजिए, चपरासी तक मेरी बात नहीं मानते। इसलिए अब मंत्री पद छोड़ना ही एकमात्र विकल्प है।’
अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सिर्फ सुविधा भोगने के लिए मैं मंत्री नहीं रह सकता। इतने बड़े बंगले में रहूं, यह ठीक नहीं, क्योंकि गरीबों का कुछ भला ही नहीं कर सकता हूं। इस संबंध में किसी को कहने का कोई फायदा नहीं होने वाला। जिसे बंगला में रहने और पांच गाड़ी के आगे-पीछे चलने का शौक है, वह मंत्री पद पर बना रहे, लेकिन मैं नहीं रह सकता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, आज दरभंगा (Darbhanga) जा रहा हूं। विधायक शशिभूषण हजारी की अंत्येष्टि में भाग लेकर लौटने के बाद मुख्यमंत्री को इस्तीफा सौंप दूंगा। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, नीतीश कुमार ने ही मुझे पहचान दी है, इसलिए मैं जदयू (JDU) नहीं छोडूंगा पार्टी में रहकर ही काम करता रहुंगा।
आपको बता दें कि ये पूरा मामला 134 बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) के तबादले से जुड़ा है। मंत्री जी का कहना था कि सूची में जिनके नाम दर्ज हैं, वे सभी तीन वर्ष से अधिक समय से एक जगह पर जमे हैं। उनके स्थानांतरण के लिए कई बार फाइल को विभाग के अपर मुख्य सचिव के पास भेजा गया, लेकिन वह ऐसे ही वापस लौटी आई। केवल 18 का ही तबादला हुआ।
आपको बता दें कि समाज कल्याण मंत्री को जिन 134 सीडीपीओ के अधिकारियों के तबादले नहीं होने पर गुस्सा है, वह फाइल अब विभाग के अपर मुख्य सचिव के दफ्तर से मुख्य सचिव के पास पहुंच गई है। मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि अध्ययन के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।
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