
यात्रा : जा रहें हैं केदारनाथ धाम, एक बार इस धाम की महत्ता जरूर जान लें !
उत्तराखंड में वैसे तो घूमने के लिए कई जगह है लेकिन अगर आप धार्मिक भावना से घूमने की सोच रहे हैं तो केदारनाथ की भूमि इसके लिए सबसे अच्छी जगह है। केदारनाथ धाम उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है।मान्यता है कि, केदारनाथ की भूमि में सीधे स्वर्ग से हवाएं आती है।
इसका रास्ता सीधे स्वर्ग को ले जाता है। अगर हम बात करें करें केदारनाथ धाम की इसकी महिमा को शब्दों में बयां करने के लिए शायद शब्द कम पड़ जाए।
केदारनाथ को जागृत महादेव भी कहा जाता है। यह धाम भगवान के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह धाम सिर्फ छः महीने ही खुला रहता है। शीतकाल के लिए मंदिर के द्वारा को छः महीने तक बंद रखा जाता है।
केदारनाथ की यात्रा करने से चार धामों में से एक धाम की यात्रा हो जाती हैं। इसे छोटा चारधाम भी कहते है। बाकी तीन धर्मों में यहां बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री स्थित है।
उत्तराखंड में हिमालय पर्वत की गोद में केदारनाथ धाम बारह ज्योतिर्लिंग में शामिल होने के साथ-साथ केदारनाथ धाम और पंच केदार में से भी एक है। यहां की जलवायु प्रतिकूल होने के कारण यह धाम अप्रैल से नवंबर महीने के बीच दर्शनों के लिए खुलता है।
स्वयं प्रकट हुए महादेव
पौराणिक कथाओं के अनुसार हिमालय के केदार श्रृंग पर्वत पर भगवान विष्णु के अवतार परम तपस्वी नर और नारायण ऋषि तपस्या कर रहे थे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव यहां पर स्वयं प्रकट हुए थे। और नर नारायण विष्णु के अनुप्रिया करने पर भगवान शिव यहां पर सदा के लिए ज्योतिर्लिंग के रूप में वास करने लगे।
पंच नदियों का संगम केदारनाथ
केदारनाथ धाम में पंच नदियों का संगम भी मौजूद है। इस धाम में मंदाकिनी, मधुगंगा, क्षीरगंगा, सरस्वती और स्वर्णगौरी नदी का संगम हैं। इन नदियों में से कुछ नदियों का अब अस्तित्व खत्म हो गया है। अलकनंदा की सहायक मंदाकिनी नदी आज भी इस धाम में मौजूद है।