उत्तराखंड में किरायेदारों को मूल थाने में सौंपनी होगी सत्यापन रिपोर्ट, वरना हो सकती है ये कार्यवाही
देहरादून : उत्तराखंड पुलिस प्रशासन ने प्रदेशवासियों की सुरक्षा को लेकर बेहतरीन कदम उठाया है. इसके चलते पुलिस प्रशासन ने दुसरे राज्यों से आकर उत्तराखंड में किराए से मकान लेकर रहने वालों के लिए सत्यापन अनिवार्य कर दिया है. पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने किरायेदारों से शपथ पत्र लेने और गलत जानकारी देने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही किराएदार द्वारा मूल थाने से सत्यापन रिपोर्ट या चरित्र प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा।
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पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार(Ashok Kumar) ने जानकारी देते हुए बताया कि, ”अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आकर रह रहे व्यक्तियों का सत्यापन प्रारूप में महज सामान्य विवरण देना पर्याप्त नहीं है। इसके साथ उनके दस्तावेज सही हैं या नहीं, इस संबंध में एक शपथपत्र भी प्रस्तुत करना होगा। यही नहीं, संबंधित व्यक्ति की ओर से अपने साथ लाई गई मूल स्थान की सत्यापन रिपोर्ट या चरित्र प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत करना होगा। यह सभी दस्तावेज उन्हें मकान मालिक के माध्यम से स्थानीय पुलिस थाने को सौंपनी होगी।”
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इसके साथ ही यदि कोई व्यक्ति सत्यापन के संबंध में कूटरचित दस्तावेज या गलत शपथ पत्र प्रस्तुत करता है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा. इसके साथ ही राज्यों को भेजे गए सत्यापन प्रपत्रों पर संबंधित थाने से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो रही है, जिससे व्यक्ति के दस्तावेजों की पुष्टि नहीं हो पाती है। इस संशोधन से सत्यापन प्रक्रिया सख्त बनेगी और संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखकर कार्रवाई की जा सकेगी। प्रदेश में आपराधिक गतिविधियों को रोकने और अपराधियों को पकड़ने में यह सख्ती कारगर साबित होगी।