![गोरखपुर विश्वविद्यालय](/wp-content/uploads/2021/09/deen-dayal-upadhyaya-gorakhpur-university-gorakhpur.jpeg)
गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्राओं ने कचरे से जैविक खाद बनाकर शुरू किया स्टार्टअप
गोरखपुर विश्वविद्यालय ‘दीनदयाल उपाध्याय’ की छात्राओं ने एक नए स्टार्टअप की शुरुआत की है। छात्राओं ने कचरे से जैविक खाद बनाकर इस पहले स्टार्टअप की शुरुआत की है। रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं द्वारा स्टार्टअप के तहत हर दिन 80 से 90 किलो जैविक खाद तैयार की जा रही है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की दो छात्राओं द्वारा शुरू किये गए इस स्टार्टअप से वे पढ़ाई संग कमाई भी कर रही हैं।
गोरखपुर विश्वविद्यालय में जैविक खाद बनाने के लिए दो मशीनें लगाई गई हैं। इन मशीनों को नॉन प्राफिट कंपनी ‘जीरो वेस्ट कैंपस’ के तहत बायोडिग्रेडेबल वेस्ट से लगाया गया है। एक मशीन कुलपति आवास में लगी है तो दूसरी मशीन विश्वविद्यालय परिसर में बॉटनी म्यूजियम के पास लगाई गई है। इस प्रोजेक्ट के लिए परिसर के कचरे को एकत्रित करने के साथ-साथ बाहर से भी कचरा एकत्रित किया जा रहा। विद्यार्थी कचरे से बनी जैविक खाद के स्टोरेज, पैकेजिंग और मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे।
20 रुपये किलो है दाम
कचरे से बनी खाद के एक, दो, पांच और दस किलो के पैकेट बनाए गए हैं। खाद का मूल्य 20 रुपये प्रति किलो है।
तीन हजार महीने हुई आय
विश्वविद्यालय बीकॉम की छात्रा मनप्रीत कौर और बीएससी की छात्रा अनामिका को इस प्रोजेक्ट से तीन हजार रुपये महीने की आय हुई है। पढ़ाई के साथ ही वे निर्माण, प्रबंधन व मार्केटिंग भी सीख रहीं हैं। इस प्रोजेक्ट में आठ और छात्राओं को जोड़ने की तैयारी है।