अगर होना चाहते हैं जैसलमेर के इतिहास से रूबरू एक बार इन म्यूजियम जरूर जाएं!
मध्यकालीन भारत में जैसलमेर शहर की स्थापना की गई थी। इसे गोल्डन सिटी के नाम से भी जाता है। इतिहासकारों के मुताबिक लंबे समय तक यदुवंशी भाटी के वंशजों ने जैसलमेर और उसके आसपास के इलाकों पर राज किया था।
जैसलमेर शहर का निर्माण उन्होंने अपने शासनकाल में कराया था। यदुवंशी भाटी के शासित क्षेत्रों का विलय भारत की आजादी के बाद भारत में हुआ। आजादी से पहले यह क्षेत्र यदुवंशी भाटी के वंशजों का इनपर शासन था। कई ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल राजस्थान में हैं। मगर आपको जैसलमेर के इतिहास को जानना हैं, तो इन म्यूजियम की सैर करें आइए जानते हैं इन म्यूजियम के बारे में :-
जैसलमेर फोर्ट पैलेस
शहर की शान कहा जाने वाला जैसलमेर फोर्ट पैलेस का यह किला पीले बलुआ पत्थर से बना हुआ है सूर्यास्त के वक्त यह सोने की तरह चमकता है। जैसलमेर फोर्ट पैलेस को इसलिए लोग सोनार किला और स्वर्ण किला भी कहते हैं। भाटी राजपूत शासक जैसल द्वारा सन 1156 ई में जैसलमेर फोर्ट पैलेस का बनवाया गया था। इस किले में कई द्वार हैं।
थार हेरिटेज म्यूजियम
एल नारायण खत्री ने थार हेरिटेज म्यूजियम 2006 में बनवाया था। इसमें प्राचीन समुद्री जीवाश्म, अभिलेख व अस्त्र-शस्त्र हैं। म्यूजियम में प्राचीन सिक्के, हथियार, पेंटिंग्स, प्राचीन बर्तन रखे हुए हैं।
सरकारी म्यूजियम
1984 में पुरातत्व व म्यूजियम विभाग द्वारा यह म्यूजियम बनवाया गया था। मध्यकालीन भारत की दुर्लभ मूर्तियां इस म्यूजियम में रखीं हैं। यही से बड़ी हवेली का भी रास्ता हैं। पूर्व में यह एक हवेली थी, अब इसे म्यूजियम में बदल कर दिया गया है। दुनियाभर में अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए यह हवेली प्रसिद्ध है।
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