Start-Up

अगर आप भी स्टार्टअप में करना चाहते हैं नौकरी, तो ख्याल रखें इन चार बातों का

कोरोना में नए स्टेटस का आया भरमार, अगर आप भी करना चाहते हैं स्टार्टअप में नौकरी तू जान लें कुछ खास बातें

नई दिल्ली। कोरोना काल में जिस तेजी से नए-नए स्टार्टअप सामने आ रहे हैं, वैसे ही उनमें जॉब के लिए नए अवसर भी दिखाई दे रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर अधिकतर स्टार्टअप ज्यादा समय तक मार्केट में बने रहने में ही निसफल होते दिख रहे हैं। ऐसे में यहां काम करने वाले कर्मचारियों की भी नौकरी खत्म हो जाती है। अगर आप भी स्टार्टअप में नौकरी करने की इच्छा रखते हैं तो रखें इन बातों का खास ध्यान।

खुद से पूछो ज्वाइन करने का कारण

अगर आप स्टार्टअप मैं नौकरी शुरू करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले उसको ज्वाइन करने का कारण अपने आप से पूछना चाहिए अगर आप सिर्फ अच्छे शैली की वजह से स्टार्टअप में नौकरी करने की सोच रहे हैं तो आपको एक बार फिर से सोचना चाहिए । हो सकता है कि आपको पैसा अच्छा मिल जाए लेकिन क्या आप वहां की दूसरी चीजों को पसंद कर पाएंगे? अगर ऐसा नहीं हुआ तो आपको नौकरी छोड़नी पर सकती है।

अपने रोल के रखें पूरी जानकारी

किसी भी स्टार्टअप की शुरुआत करने के समय संस्थापक के पास फंड कम होता है, ऐसे में वह कंपनी अपने वहां काम कर रहे एंप्लोई से अपेक्षा रखती है कि वह इन कामों को अधिक जिम्मेदारी से निभाएं तो बेहतर यही है कि किसी भी स्टार्टअप को ज्वाइन करने से पहले कंपनी के एचआर से अपने रोल के बारे में पता कर ले।

सैलरी पैकेज को समझना है बहुत जरूरी

स्टार्टअप काफी अच्छी सैलरी दिखाकर एंप्लॉयी को अपने यहां रखते तो हैं मगर यह सैलरी पैकेज अधिकतर हाथी के दांत जैसा होता है दिखाने के कुछ और चबाने के कुछ और। दरअसल कोई भी स्टार्टअप टैलेंट को एक्टर करने के लिए एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस का सहारा लेते हैं। ये कंपनी में शेयर खरीदने से जुड़ा होता है। अगर स्टार्टअप बंद हो गया तो एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शन  किसी काम का नहीं रह जाता। साथ ही सैलरी पैकेज में जुड़े अन्य रीइंबर्समेंट के बारे में भी पूरी जानकारी ले लें।

इन्वेस्टर्स की रखें पूरी जानकारी

किसी भी स्टार्टअप में अगर आप नौकरी के लिए आवेदन करने जा रहे हैं, तो उसकी पूरी जानकारी पहले से ही इकट्ठा कर लें। वहीं दूसरी ओर इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि उस स्टार्टअप को फंडिंग कहां से हो रही है और इसमें किन-किन इन्वेस्टर्स का पैसा लगा है। अगर संभव हो तो इस बात का भी पता लगाएं कि उन इन्वेस्टर्स का पैसा और किन-किन कंपनियों में लगा है। इससे आपको इस बात का पता चल पाएगा कि इन्वेस्टर्स की अप्रोच कैसी है।

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