
लखनऊ: देश की राजनीति में त्वरित निर्णयों के लिए अपनी पहचान बना चुकी भारतीय जनता पार्टी इस बार उत्तर प्रदेश में नया प्रदेश अध्यक्ष को लेकर काफी समय से उलझन में फंस गई। बता दें कि इस पद पर नियुक्त से पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव की जातीय व क्षेत्रीय समीकरण भी साधन इसलिए मंथन और कुछ ज्यादा ही जोड़ दिया जा रहा है। हालांकि प्रदेश कार्यसमिति के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक भी हो चुकी है। धरातल पर चुनावी अभियान भी देनी है इसलिए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी।
यूपी में सरकार गठन के बाद से ही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर दिमागी घोड़े इस दिशा में दौड़ रहे हैं कि पार्टी प्रदेश में संगठन के मुखिया का जिम्मा किस वर्ग के कार्यकर्ताओं को सौंपेगी। सन 2014 और 19 के लोकसभा चुनाव की तरह 2024 को ध्यान में रखते हुए ब्राह्मण को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा या विधानसभा चुनाव में बसपा से अलग होकर भाजपा की ताकत बढ़ाने वाले दलित वर्ग को पार्टी आकर्षित करना चाहेगी।
मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं केंद्रीय राज्यमंत्री बी एल वर्मा दौड़ में आगे बताए जा रहे हैं। तो वही प्रदेश अध्यक्ष को लेकर कई ब्राह्मण नेताओं के भी नाम इसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम, कन्नौज सांसद सुब्रत पाठक शामिल हैं।