हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को लगाई फटकार, कहा – दोनों सरकारों को कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चलते तकरार में दोनों सरकारों को दी नसीहत। कोर्ट ने कहा दिल्ली विधानसभा और इसकी समिति के पास सदस्यों और बाहरी की उपस्थिति पाठ्य करने की पूर्ण शक्ति है।
नई दिल्ली। दिल्ली और केंद्र सरकार के अंदर लगातार चल रहे तकरार के बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने आज एक अहम टिप्पणी की है। इन दोनों सरकारों के बीच चल रहे तकरार पर न्यायालय ने यह टिप्पणी अपने एक फैसले के दौरान की जिसमें कोर्ट ने कहा कि दिल्ली विधानसभा और इसकी समिति के पास सदस्यों और बाहरी की उपस्थिति पाठ्य करने की पूर्ण शक्ति है।
कोर्ट ने इन दोनों के बीच चल रहे तक राय पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा लगता है दोनों ही सरकारों ने अपनी बात मनवाने का रुख अपना रखा है जिससे शासन और जरूरी सहयोग में परेशानी पैदा हो रही है।
इसी के साथ न्यायालय ने फेसबुक इंडिया के एमडी अजीत मोहन और अन्य की याचिका भी खारिज कर दी है। फेसबुक इंडिया के एमडी की तरफ से दायर इस याचिका में उन्होंने सदन के तरफ से जारी सम्मन को गलत ठहराते हुए उसे चुनौती दी थी। दरअसल, पिछले साल हुए उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के सिलसिले में गवाह के तौर पर सदन में उपस्थित होने में नाकाम रहने पर कोर्ट ने यह संबंध जारी किया गया था।
इस पूरे मामले पर न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि अगर दोनों पक्षों ने अपने-अपने बात को लेकर ऐसे ही अड़े रहेंगे तो ऐसे शासन का कोई भी मॉडल काम नहीं कर सकता है। हम अपने पाठकों को बता दें कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच अपनी शक्तियों को लेकर 2014 से ही आपस में नोकझोंक चल रही है।
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच वर्चस्व की लड़ाई वर्ष 2014 से चल रही है। हालांकि, जुलाई 2018 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र रूप से फैसले लेने की कोई शक्ति नहीं है और वह निर्वाचित सरकार की सलाह मानने के लिए आबद्ध हैं।
साथ ही, हाईकोर्ट ने केंद्र को समझाते हुए कहा कि केंद्र को अलग-अलग राजनीतिक शासन के साथ तालमेल के साथ काम करने की जरूरत है। जनता के हित में काम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को ही कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा।
हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को समझाते हुए केंद्र और राज्य सरकार को साथ कम काम करने का सुझाव दिया। कोर्ट ने कहा कि जनता के हित में काम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को कंधे से कंधा मिलाकर एक साथ चलना होगा। दोनों सरकारों के ऐसा न करने पर अपने-अपने जना देशों के लिए यह अवज्ञा की बात होगी।
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