बिहार में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया अलर्ट, तीन दिन में सामने आएं इतने मामले सामने …
पटना : इन दिनों बिहार में डेंगू के मामले तेजी से फ़ैल रहे है। वायरस की सक्रियता के अनुकूल तापमान और नमी के कारण डेंगू महामारी की ओर बढ़ रहा है। प्रदेश में 6 नए मामले सामने आए है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट जारी किया है।
2019 में 482 संक्रमितों को छोड़ दें तो दो साल बाद इतने मरीज मिल रहे हैं। अबतक जिले में मिले 50 डेंगू संक्रमितों में 34 की पुष्टि अगस्त में हुई है। इनमें से 16 लगातार तीन दिनों में मिले हैं। पूर्व के वर्षों में अगस्त से शुरुआत होती थी और सितंबर-अक्टूबर तक तेजी से इसके मामले बढ़ते थे और नवंबर के अंतिम सप्ताह से दिसंबर में ठंड बढ़ने के बाद कम होने शुरू होते थे। इस वर्ष अभी तक एक बच्चे और एक बुजुर्ग महिला की डेंगू के कारण मृत्यु हो चुकी है।
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जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद डेंगू के बढ़ते मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, ”शुक्रवार को पीएमसीएच में दो और आरएमआरआइ में चार नए मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक संक्रमित बिस्कोमान कालोनी और उसके बाद रामकृष्णा नगर में मिले हैं। इसके अलावा संदलपुर, पटनासिटी के कुछ मोहल्लों और अजीमाबाद, महेंद्रू, कंकड़बाग आदि में भी केस मिले हैं।”
लोगों को डेंगू से बचाएगी उनकी सावधानी
डेंगू संक्रमित एडीज मच्छर एक दिन में दर्जनों लोगों को काट सकता है। घनी आबादी वाले मोहल्लों के साथ विकिसत हो रहे रामकृष्णा नगर, बिस्कोमान कालोनी, कुम्हरार जैसे मोहल्लों में इसका खतरा ज्यादा है। ऐसे में लोग खुद सावधानी बरतें और मच्छरों को पनपने और काटने का मौका नहीं दें।
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लक्षण :
– तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज दर्द।
– त्वचा पर लाल चकत्ते-धब्बे या चकत्ते के निशान।
– नाक-मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्तस्राव।
– काला पाखाना होगा।
– यदि ये लक्षण हों तो तुरंत डाक्टर से मिलें, सभी रोगियों को भर्ती होने की जरूरत नहीं। समय पर उपचार से रोगी पूर्णत: स्वस्थ हो जाते हैं।
याद रखें :
– तेज बुखार होने पर एस्प्रिन या ब्रुफेन जैसी दर्द निवारक गोलियों के बजाय सुरक्षित पारासिटामोल ही लें।
बचाव के उपाय
– दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
– दिन में भी मास्कीटो रिपेलेंट लिक्विड या क्रीम का प्रयोग करें।
– पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनकर रहें और सभी कमरों को साफ-सुथरा व हवादार बनाए रखें।
– टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर-एसी, फ्रिज के पानी, पानी की टंकी ढंक कर रखें और आसपास पानी नहीं जमा होने दें।
– गमले आदि जहां रखें हों वहां काला हिट का छिड़काव करें।
– घर के आसपास साफ-सफाई रखें और पानी जमा हो तो दवा का छिड़काव करें।
– गमला, फूलदान आदि का पानी हर दिन बदलें।
– जमे पानी पर केरोसिन का छिड़काव करें।
– दुकानदार भी आसपास पड़े डिब्बों में पानी जमा नहीं होने दें।