
UP में 23 साल बाद बिजली कर्मचारियों की हड़ताल, ऊर्जा मंत्री ने दिए ये सख्त निर्देश
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा- बिजली व्यवस्था बिगड़ी तो कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ: 23 साल बाद उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर रात 12 बजे के बाद से 72 घंटे के लिए हड़ताल पर हैं, जिससे तीन करोड़ बिजली उपभोक्ता की परेशानी बढ़ सकती है। उन्होंने यह फैसला मांगों पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज होकर लिया है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनके समर्थन में पूरे देश के 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने अपने-अपने प्रदेश में मार्च निकालने का फैसला किया है। देश के सभी बड़े बिजली नेता समर्थन में राजधानी लखनऊ आ रहे हैं। हालांकि, इस हड़ताल के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने भी सख्त रुख अपनाया है।
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अगर आंदोलन के चलते बिजली व्यवस्था में परेशानी आती है तो प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध सख्ती से निपटा जाएगा। इस मामले में उन्होंने दलित इंजीनियर्स के संगठन पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन को अपने साथ कर लिया है। इस संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने ऊर्जा मंत्री को आश्वासन दिया है कि उनके साथ के लोग दो घंटा अतिरिक्त काम करेंगे और जरूरत पड़ी तो वह 24 घंटे काम करेंगे। लेकिन, बिजली व्यवस्था बिगड़ने नहीं होने देंगे।
हड़ताल से इस कामों में होगी परेशानी
प्रदेश के विभिन्न जनपदों में अप्रैल से पहले उपकेंद्रों की मरम्मत का काम चल रहा है। हड़ताल के कारण वह प्रभावित होगा। इसके अलावा नए कनेक्शन मिलने वाले काम भी नहीं हो पाएंगे। अगर कोई उपभोक्ता अपना बिल सही कराने के लिए उपकेंद्र जाता है तो उसे भी परेशानी झेलनी पड़ेगी। साथ ही अगर कहीं फॉल्ट आता है तो बिजली कर्मचारी उसको बनाने से इनकार भी कर सकते हैं। ऐसे में आम आदमी के लिए अगले 72 घंटे परेशानी वाले हो सकते हैं।
चेयरमैन एम देवराज को हटाने की मांग!
कोई भी नेता वैसे तो लिखित में चेयरमैन एम देवराज को हटाने की सीधी मांग नहीं कर रहा, लेकिन लिखित समझौते का आश्वासन देकर यह बताया जा रहा है कि चेयरमैन के चुनाव की प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया और ऐसे में उस प्रक्रिया के तहत चुनाव होना चाहिए। अगर अब वह प्रक्रिया अपनाई जाती है तो पहले मौजूदा चेयरमैन एम देवराज को हटाना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इस मांग को पूरी करने के पक्ष में नहीं है, जिससे भी टकराव बढ़ गया है।
मुख्यमंत्री योगी से मामले में हस्तक्षेप की मांग
इस मामले में बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने हड़ताल पर जाने से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप करने की मांग की। समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि हड़ताल मजबूरी में कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने लिखित समझौता करने के बाद भी हमारी मांगों को मानने से इंकार कर दिया है और ऐसे में हड़ताल पर जाना हमारी मजबूरी है। बता दें कि विभिन्न जिलों में नियमित और संविदा मिलाकर लगभग 50 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।