![पेगासस जासूसी कांड पर जांच कराने को सरकार राजी](/wp-content/uploads/2021/08/पेगासस-जासूसी-कांड-पर-जांच-कराने-को-सरकार-राजी.jpg)
पेगासस जासूसी कांड पर जांच कराने को सरकार राजी, कमिटी कोर्ट को सौंपेगी रिपोर्ट
अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद पेगासस जासूसी कांड की जांच करवाने की बात कही है। इन आरोपों को सरकार ने बेबुनियाद बताया है और अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा की केंद्र द्वारा इन इल्जामों को झूठा साबित करने के लिए और जांच करने के लिए एक निष्पक्ष विशेषज्ञों की समिति तैयार की जाएगी।
नई दिल्ली : पेगासस जासूसी कांड को लेकर विपक्ष के द्वारा सरकार का घेराव अभी भी जारी है। जिसको लेकर विपक्ष का हंगामा बढ़ता ही जा रहा है। अभी हालि में विपक्ष ने इन्हीं मुद्दों को लेकर संसद में हंगामा किया था। उसके चलते संसद की कारवाई स्थगित कर दी गई थी। इसपर सरकार से विपक्ष की मांग थी कि जल्द से जल्द इस मामले पर जांच बैठाई जाए क्योंकि ये देश की सुरक्षा का मामला है।
इस मामले पर अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद इसकी जांच करवाने की बात कही है। इन आरोपों को सरकार ने बेबुनियाद बताया है और अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहा की केंद्र द्वारा इन इल्जामों को झूठा साबित करने के लिए और जांच करने के लिए एक निष्पक्ष विशेषज्ञों की समिति तैयार की जाएगी। साथ ही केंद्र ने एक प्रस्ताव भी दिया है जिनमें बताया कि यह समिति किन किन मुद्दों पर काम करेगी यह भी सुप्रीम कोर्ट बता दें।
विपक्ष द्वारा देश के पत्रकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं,समेत और भी लोगों की जासूसी कराने के लिए सरकार पर पेगासस स्पाइवेयर खरीदने का आरोप लगाए गए हैं । सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे को लेकर कहा है कि लोगों ने कहीं सुनी बातों के आधार पर याचिका दाखिल कर दी है।
इस पर याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, श्याम दीवाने समेत और वकीलों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि 2019 में सरकार ने खुद माना था कि पेगासस के चलते भारत के कुछ वाट्सअप यूर्जस की निजिता प्रभावित होने की आशंका जताई थी जिस पर अब वो दो पन्ने का जवाब लिखकर दाखिल कर दिया जो ना काफी है।
सरकार द्वारा कमिटी बनाने और जांच कराने को लेकर याचिकाकर्ता ने विरोध किया और अब सवाल उठा रहे कि जब आरोप भारत सरकार पर है तो वह उसे जांच करने की कमान कैसे सौंप सकते हैं। और वरिष्ठ वकील ने कहा है कि कमिटी सरकार के बजाय कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी।
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