
उत्तरप्रदेश पुलिस का ‘ऑपरेशन लंगड़ा’- अब तक मुठभेड़ में इतने हजार से ज्यादा अपराधियों को लगी गोली
उत्तरप्रदेश पुलिस और अपराधियों के बीच 8472 मुठभेड़ें हुई हैं। जिनमें तीन हजार से ज्यादा अपराधी गोली लगने के कारण घायल हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी हुई है।
लखनऊ : यूपी में योगी सरकार आने के बाद से ही उत्तर प्रदेश एनकाउंटर्स को लेकर काफी चर्चा में रहा है। सूबे के मुखिया योगी सरकार के बीते साढ़े चार साल के कार्यकाल के दौरान उत्तरप्रदेश पुलिस और अपराधियों के बीच 8472 मुठभेड़ें हुई हैं।
जिनमें तीन हजार से ज्यादा अपराधी गोली लगने के कारण घायल हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी हुई है। उत्तरप्रदेश पुलिस की गोली से कई अपराधी लंगड़े भी हो गए हैं। वहीं यूपी पुलिस के साथ एनकाउंटर में 146 अपराधियों की मौत हो चुकी है।
यूपी पुलिस का अपराधियों को जान से मारना मकसद नहीं
द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में यूपी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था (एडीजी लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने ये जानकारियां साझा की हैं। उनके अनुसार मुठभेड़ में घायल अपराधियों की संख्या कहीं ज्यादा होना इस ओर इशारा करती है कि उन्हें जान से मारना पुलिस का मकसद नहीं होता। एडीजी L/O प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तरप्रदेश पुलिस का पहला उद्देश्य अपराधी को गिरफ्तार करना होता है, न की उसे मारना।
यूपी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति
ADG कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इस इंटरव्यू में बताया कि यूपी सरकार की अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है। यदि कोई अपराधी पुलिस पर फायरिंग करता है तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई जरूर होती है।
कानून पुलिस को इसकी इजाजत देता है। इस तरह के एनकाउंटर में पुलिसकर्मियों और अपराधियों दोनों के चोटिल होने और जान गंवाने का खतरा होता है। इस तरह की घटनाओं में कई पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं और बहुतों को चोटें भी लगी हैं।
यूपी पुलिस का ”ऑपरेशन लंगड़ा” बता दें कि उत्तरप्रदेश पुलिस के कुछ सीनियर अधिकारियों ने निजी तौर पर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे इस मिशन का नाम ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ रखा है। यह नाम आधिकारिक नहीं है। उत्तरप्रदेश पुलिस की कोशिश यही होती है कि मुठभेड़ों के दौरान अपराधी पर कमर के नीचे गोली चले, जिससे उसकी जान को खतरा कम हो।
कमर के नीचे गोली लगने से अपराधी घायल तो होगा लेकिन जान नहीं जाएगी। मुठभेड़ के ज्यादातर मामलों में उत्तरप्रदेश पुलिस अपराधियों को घायल अवस्था में पकड़ने में कामयाब रही है। लेकिन कुछ में नहीं भी रही हैं।
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