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पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ें है जम्मू कश्मीर के स्कूल्स, प्राइवेट स्कूल एसोशियसन ने दिया धरना

केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में डेढ़ साल से ज्यादा समय से स्कूली शिक्षा शुरू नहीं हुई है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। देश के ज्यादातर राज्यों में स्कूल तो शुरू हो गए हैं, लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं। हालांकि कोरोना के मरीज घट रहे हैं, लेकिन सरकार कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। बच्चे और उनके माता-पिता निजी स्कूल खोलना चाहते हैं। दिसम्बर है। अगले दो-तीन महीने में स्कूल शुरू होने की उम्मीद नहीं है, इसलिए दो शैक्षणिक सत्र कोरोना से बर्बाद हो गए हैं।

सिर्फ बारहवी के लिए खुलें है स्कूल

निजी स्कूलों में खासकर नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्रों की संख्या में 20 फीसदी की कमी आई है। जम्मू-कश्मीर में पिछले दो महीने से दसवीं और बारहवीं कक्षा को अनुमति दी गई है। 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए टीकाकरण की आवश्यकता है, जिसके बाद 10वीं कक्षा के छात्रों को कोरोना परीक्षण से गुजरना होगा। दसवीं और बारहवीं कक्षा को पचास प्रतिशत क्षमता के साथ रोटेशन पर संचालित किया जा रहा है।

कोरोना के कारण बंद पड़े है स्कूल

मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारिणी समिति साप्ताहिक आधार पर कोरोना की स्थिति की समीक्षा करती है और प्रत्येक रविवार को आदेश जारी करती है। इसमें कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देश हैं। कक्षा I से IX और कक्षा XI नहीं ली जाती है। मार्च 2020 में कोरोना के कारण शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे। जम्मू-कश्मीर में स्कूल तब तक नहीं खुलते जब तक सरकार जोखिम नहीं उठाती। हालांकि, उच्च शिक्षा संस्थान खोले गए हैं। इतने लंबे समय से स्कूल बंद होने के कारण बड़ी संख्या में अभिभावकों ने अपने बच्चों को निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित कर दिया है, क्योंकि शिक्षा केवल ऑनलाइन हो रही है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने दिया धरना

आंकड़ों के अनुसार, निजी स्कूलों में औसतन बीस प्रतिशत से अधिक माता-पिता अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों में डाल देते हैं, खासकर नौवीं से बारहवीं कक्षा में, निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या में कमी आई है। ऑनलाइन शिक्षा की होड़ की तुलना किसी भी हाल में क्लासरूम स्टडी से नहीं की जा सकती है, लेकिन कोरोना के कारण सरकार एहतियात बरत रही है, इसलिए माता-पिता और बच्चे असुरक्षित हैं। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन जम्मू के अध्यक्ष कमल गुप्ता का कहना है कि कई राज्यों में स्कूल शुरू हो गए हैं। लंबे समय से स्कूल बंद रहने से निजी स्कूलों की परेशानी बढ़ गई है। छात्रों की संख्या घटी है। हम कोरोना की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर रहे हैं, इसलिए स्कूल अभी से शुरू हो जाएं।

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