
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों कानून को वापस लेने के लाइन के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों प्रेस कानून निरस्त कर दिया जाने के बाद आंदोलित किसानों ने आंदोलन लेने का आज फैसला लिया है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा आज आंदोलन खत्म करने का औपचारिक निर्णय लिया गया वहीं दूसरी और किसान संगठनों का कहना कि 11 दिसंबर से दिल्ली की पांचों सीमाओं को खाली करना शुरू करेंगे और वह आंदोलन जीतकर घर वापसी करेंगे।
गौरतलब है कि किसान संगठनों का कहना था कि जब तक सरकार संसद में कानून वापस नहीं लेती है वह वापस नहीं जाएंगे। वही आंदोलन कर रहे किसानों ने मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा किसानों पर दर्ज किए गए मामलों को वापस लेने की मांग और साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुद्दे पर कानून बनाने की मांग की इस बाबत सरकार ने कमेटी का गठन भी किया है।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 15 दिसंबर को आंदोलन खत्म करने का औपचारिक निर्णय होगा वहीं कुछ किसानों ने बताया कि हम चले जाएंगे 11 दिसंबर से सारे बॉर्डर खाली कर देंगे। पर सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बात करेंगे। किसान मोर्चा ने कहा कि हमारी आगामी बैठक 15 दिसंबर को है जानकारी के मुताबिक 13 दिसंबर को सभी किसान नेता मत्था टेकने स्वर्ण मंदिर भी जा सकते हैं।
आपको बता देंगे सेंड किसान मोर्चा ने कहा कि उनकी लंबित मांगों को लेकर केंद्र संशोधित मसौदा प्रस्ताव पर आम सहमति बन गई है वहीं आंदोलन के लिए भविष्य की रणनीति तय करने को लेकर बैठक होगी वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सरकार से लेटर हेड पर औपचारिक संवाद की मांग की है।