कृषि कानूनों के विरोध में किसान आज करेंगे महापंचायत, कई जिलों के किसान होंगे इकट्ठा
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा यह पार्टी केंद्र या बीजेपी की नहीं बल्कि मोदी सरकार की है। इस सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है।
नई दिल्ली : पिछले 2 सालों से सरकार और किसानों के बीच चल रहे कृषि कानूनों को लेकर जद्दोजहद खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। आज यानी 5 सितंबर को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में किसान महापंचायत का आयोजन हुआ। इस बात की जानकारी शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए दिया। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि अधिक से अधिक लोग इसमें शामिल हों।
उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा कि मुजफ्फरनगर में 5 सितंबर की किसान महापंचायत ऐतिहासिक होगी। किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत में केंद्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा यह पार्टी केंद्र या बीजेपी की नहीं बल्कि मोदी सरकार की है। इस सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानून किसानों के हक में नहीं है। यह कानून पूरी तरह से देश देश को विदेशी हाथों में सौंपने की तैयारी है।
आपको बता दें कि यह पंचायत मुजफ्फरनगर जिले के जीआईसी ग्राउंड पर हो रही है। जिस में शामिल होने के लिए यूपी के अलावा पंजाब हरियाणा कर्नाटक महाराष्ट्र जैसे अन्य 15 राज्यों से किसानों के जुटने का दावा है। दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के भी यहां शामिल होने की संभावना है। ऐसे में इस महापंचायत पर केंद्र सरकार के साथ ही विपक्षी दलों की भी नजरें टिकी हुई है।
यहां आने वाले किसानों के स्वागत के लिए यूपी गेट से मुजफ्फरनगर तक रास्ते में खाने-पीने से लेकर जलपान तथा करीब 600 भंडारे लंगर की व्यवस्था की गई है। वहीं, चिकित्सा सुविधा हेतु 20 से 25 मेडिकल कैंप भी लगाए गए हैं। इस आयोजन में इस बात का मुख्य ध्यान रखा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल इस महापंचायत में आकर किसानों को संबोधित ना करें।
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