
Air hygiene: क्या है भारतीय हेल्थ केयर सिस्टम का हाल?

CDC के मुताबिक, अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती हुए 25 में से एक मरीज़ को अस्पताल से इंफेक्शन हुआ, WHO ने अपनी रिपोर्ट में बताया प्रगतिशील देशों में H.A.I( हॉस्पिटल से होने वाले इंफेक्शन) की दर काफी ज़्यादा है।
मरीज़ अपनी बीमारी का इलाज कराने के लिए अस्पताल जाते हैं लेकिन ये काफी आम बात है कि हेल्थ केअर फैसिलिटी में ही कई लोगो को इन्फेक्शन हो जाता है जिसे nosocomial या hospital acquired infections/ health care-associated infection भी कहते हैं।
CDC के मुताबिक, अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती हुए 25 में से एक मरीज़ अस्पताल से इंफेक्शन हुआ, WHO ने अपनी रिपोर्ट में बताया प्रगतिशील देशों में H.A.I( हॉस्पिटल से होने वाले इंफेक्शन) की दर काफी ज़्यादा है। माइक्रोबायोलॉजिस्ट इस पर रोक लगाने के लिए काफी प्रयास कर रहे हैं। हाथों की सफाई और फर्श की सफाई के का विशेष ध्यान रखना होगा, हैंड सेनेटाइजर हर उस जगह पर रख होना चाहिए जहाँ संक्रमण का ज़रा भी खतरा हो, जैसे कि आई.सी. यू । जिससे कि छुआ-छूत से होने वाले इंफेक्शन को रोका जा सके। लेकिन वहाँ संक्रमण का साइलेंट सोर्स हवा में मौजूद हो सकता है।
कोरोना महामारी ने हवा से होने वाले इन्फेक्शन के प्रति हमे काफी सचेत किया है। टीबी भारत की उन बीमारियों में से एक है जिसकी वजह से लोगो को काफी परेशानी हुई है। विश्व मे सबसे ज़्यादा टीबी से मारने वालों की संख्या भारत में है। हर साल हमारे देश मे टीबी के 28 लाख मरीज़ रिपोर्ट किए जाते हैं। टीबी के अलावा कई viral disease जैसे इन्फ्लूएंजा, मीज़ल्स, नोरोवायरस आदि बीमारिया हवा से फैलती हैं जिसमे कोरोना वायरस भी शामिल है।
एक अस्पताल आखिर कैसे इन संक्रमण का श्रोत बनता है?
अगर हम बात करें किसी पब्लिक हॉस्पिटल में किसी मरीज़ की जिसको कोई respiratory desease हो, जिसे खाँसी, ज़ुखाम, बुखार,सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हों या उसे किसी तरह की एलर्जी हो,अस्थमा या फेफड़ों से जुड़ी कोई बीमारी हो,वो मरीज़ वेटिंग एरिया में डॉक्टर से परामर्श लेने के लिए सभी के साथ अपनी बारी का इंतज़ार करता है। जब उसे खांसी आती है तो liquid particles हवा में काफी देर तक हवा में ही रह जाते हैं,कुछ फर्श पर गिर जाते है, तो जब भी कोई स्वास्थ्य व्यक्ति इनके संपर्क में आता है तो उसे इन liquid particles से इंफेक्शन का खतरा हो सकता है।
अगर भीड़ से भरे अस्पताल में कोई टीबी का मरीज़ मौजूद है तो आस पास के लोगों, हॉस्पिटल का स्टाफ और अन्य मरीज़ों को इंफेक्शन होने का ज़्यादा खतरा है। उन लोगों को ज़्यादा दिक्कत हो सकती है जिनकी immunity काफी कमज़ोर है।
Natural cross ventilation हवा को क्लीन करने का सबसे अच्छा तरीका है। जिससे इन particles को कमरे से बाहर निकलने का एक रास्ता मिल जाता है। शहरी अस्पतालों में बहुत मुश्किल से natural ventilation होता है क्योंकि वहाँ पर्याप्त जगह नही होती।