
मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी: गोयल
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तेजी से गिरावट आई है
नयी दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन और रूस से गेहूं का सर्वाधिक आयात करने वाले देश मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर मंजूरी दी है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक बाजारों में गेहूं की उपलब्धता में तेजी से गिरावट आई है। ये दोनों ही देश गेहूं के प्रमुख उत्पादक और निर्यातक हैं।मिस्र ने 2020 में रूस से 1.8 अरब डॉलर का और यूक्रेन से 61.08 करोड़ डॉलर के गेहूं का आयात किया था।
अब मिस्र भारत से 10 लाख टन गेहूं का आयात करना चाहता है और अप्रैल में उसे 2,40,000 टन गेहूं की आवश्यकता होगी।
अप्रैल 2021 से जनवरी 2022 के बीच भारत का गेहूं निर्यात बढ़कर 1.74 अरब डॉलर का हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 34.017 करोड़ डॉलर था। 2019-20 में गेहूं निर्यात 6.184 करोड़ डॉलर का था जो 2020-21 में बढ़कर 54.967 करोड़ डॉलर हो गया था।भारत गेहूं का निर्यात मुख्य रूप से पड़ोसी देशों को करता है जिनमें सर्वाधिक 54 फीसदी निर्यात बांग्लादेश को किया जाता है। भारत ने यमन, अफगानिस्तान, कतर और इंडोनेशिया जैसे देशों के नए गेहूं बाजार में भी प्रवेश किया है।
2020-21 में भारत से गेहूं का आयात करने वाले शीर्ष दस देशों में बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, श्रीलंका, यमन, अफगानिस्तान, कतर, इंडोनेशिया, ओमान और मलेशिया हैं। भारत सालाना करीब 10.759 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन करता है और ज्यादातर खपत घरेलू स्तर पर ही हो जाती है।
साभार: भाषा