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दिल्ली में डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से मरीजों को करना पड़ रह इन दिक्कतों का सामना
दिल्ली। दिल्ली के सफदरजंग, जीटीबी, लोकनायक, आरएमएल समेत लगभग सभी बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने से मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रेजिडेंट डॉक्टर शुक्रवार से हड़ताल पर रहेंगे। हांलाकि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हड़ताल नहीं होगी, लेकिन दूसरे अस्पतालों में ओपीडी, इमरजेंसी और कोविड वार्ड में ड्यूटी देने से रेजिडेंट डॉक्टरों के इनकार करने के बाद से सभी मरीजों को एम्स में भर्ती कराया जा रहा है। जिससे मरीजों का इलाज करने में परेशानी आ रही है।
ये है हड़ताल की वजह
जीटीबी के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट पीजी काउंसलिंग में देरी होने के कारण शुक्रवार सुबह नौ बजे से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। रेजिडेंट ने अस्पताल प्रबंधन को पत्र लिखते हुए कहा कि, वह किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में हिस्सेदारी नहीं लेंगे। वहीं कुछ देर बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और रोहिणी स्थित डॉ. भीमराव आंबेडकर मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल करने का फैसला लिया।
मामला सुप्रीम कोर्ट अटका मामला
दरअसल नीट पीजी काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका हुआ है। और मामले में अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी। लेकिन बीते 6 दिसंबर से रेजिडेंट डॉक्टरों ने दिल्ली के अस्पतालों में हड़ताल शुरू कर दी। हांलाकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोर्ट में सुनवाई को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए डॉक्टरों से कुछ दिन का समय मांगा था। इधर 9 दिसंबर को डॉक्टरों ने एक सप्ताह के लिए हड़ताल स्थगित की थी। लेकिन दुबारा हड़ताल करने का फैसला ले लिया गया।