लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ ने शपथ ले ली है। लगातार दूसरी बार सत्ता संभालने का रिकॉर्ड बनाने वाले योगी के साथ चार दर्जन से अधिक मंत्रियों ने भी शपथ ली है। भाजपा ने चुनाव में भले ही किसी मुस्लिम को उम्मीदवार नहीं बनाया था, लेकिन सरकार में अल्पसंख्यक समुदाय को भी प्रतिनिधित्व देते हुए दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाया गया है।
बलिया के रहने वाले 34 वर्षीय दानिश आजाद अंसारी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश महामंत्री हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले आजाद भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में कई पदों पर रह चुके हैं।
बलिया के रहने वाले दानिश ने लखनऊ से की पढ़ाई
दानिश आजाद अंसारी मूल रूप से बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं। उम्र 32 साल है। 2006 में लखनऊ यूनिवर्सिटी से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद यहीं से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट फिर मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। जनवरी 2011 में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से जुड़ गए। यहीं से दानिश के आजाद ख्यालात लखनऊ विश्वविद्यालय में गूंजने लगे। दानिश ने खुलकर एबीवीपी के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के लिए युवाओं के बीच माहौल बनाया। खासतौर पर मुस्लिम युवाओं के बीच।
सरकार बनी तो मिला इनाम
2017 में यूपी में भाजपा की सरकार बनी तो चुनाव में जिन-जिन लोगों ने मेहनत की उन्हें इनाम मिला। इन्हीं में एक नाम था दानिश आजाद का। दानिश 2018 में फखरुद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के सदस्य रहे। बाद में उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बना दिया गया। ये एक तरह से दर्जा प्राप्त मंत्री का पद होता है। इस बार चुनाव से पहले अक्टूबर 2021 में दानिश को बड़ी जिम्मेदारी दी गई। भाजपा ने अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री पद की जिम्मेदारी दे दी।