
जानें ऐसा क्या हुआ कि एक IAS ने सीएम आवास से लेकर थाने तक मचा दिया हड़कंप
नीतीश कुमार के खिलाफ सबूत लेकर पहुंच गये IAS सुधीर
आज यानि शनिवार को पटना के थाने में हुए एससी-एसटी ड्रामे ने पुलिस से लेकर सीएम आवास तक सबकी हवा टाइट कर दी। 36 पन्ने का आवेदन में सीएम नीतीश से लेकर अधिकारियों तक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार थाने में पहुंच गये। ऐसे में जब थानेदार ने आवेदन देखा तो उसके होश उड गये।
तो वहीं बात तब बढ़ गई जब सुधीर कुमार को थाने में बैठाकर खुद थानेदार कागज लेकर गायब हो गए। इस बीच मीडिया को मामले की खबर मिली तो मीडियाकर्मी थाने पहुंच गये। मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो पटना के दो दूसरे थानों के थानेदारों को एससी-एसटी थाने में भेजा गया। सुधीर कुमार को कहा गया कि वे घर जायें उनके आवेदन पर कार्रवाई होगी।
लेकिन सुधीर कुमार एफआईआर होने पर ही थाने से जाने की जिद पर अड़े थे। दो घंटे बाद एससी-एसटी थाने के थानेदार वापस वहां पहुंचे। उन्होंने सुधीर कुमार के आवेदन की एक कॉपी पर थाने की रिसीविंग दी। मुहर औऱ हस्ताक्षर के साथ उन्हें रिसीविंग दी गयी और तब सुधीर कुमार थाने से जाने को तैयार हुए।
एससी-एसटी थाने से निकले सुधीर कुमार से मीडिया ने पूछा कि आखिरकार वे किस पर और क्यों एफआईआर करना चाहते हैं। सुधीर कुमार ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। मीडिया ने जब बहुत कुरेदा तो वे बोले कि जालसाजी का केस करना चाह रहे हैं। उनसे पूछा गया कि आखिरकार जालसाजी किसने की है। कई बार सवाल पूछने पर सुधीर कुमार ने कहा कि मामला मुख्यमंत्री के खिलाफ है।
सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने पिछले 5 मार्च को ही पटना के शास्त्रीनगर थाने में नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर करने के लिए आवेदन दिया था। जब वे थाने में आवेदन दे रहे थे तो वहां पटना के एसएसपी औऱ डीएसपी मौजूद थे। उन्हें रिसीविंग दे दी गयी लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज किया गया।
सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने पटना के एसएसपी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी कि उनके आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई। कोई जवाब नहीं आया। आऱटीआई से भी जानकारी मांगी गयी लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। ऐसे में वे फिर से एससी-एसटी थाने में एफआईआर कराने आये हैं। यहां भी एफआईआर दर्ज करने के बजाय आवेदन की रिसीविंग दी जा रही है।
उधर एससी-एसटी थाने के थानेदार ने बताया कि सुधीर कुमार ने जो आवेदन दिया है उसे रिसीव कर लिया गया है। 36 पेज का आवेदन दिया गया है। उसका अध्ययन किया जा रहा है। उसके बाद जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी वह की जायेगी। थानेदार ने भी ये बताने से इंकार कर दिया कि आखिरकार आवेदन में लिखा क्या गया है।
सूत्र बता रहे हैं कि सुधीर कुमार ने अपने आवेदन में नीतीश कुमार के खिलाफ कई तथ्य दिये हैं। उन्होंने नीतीश कुमार औऱ सरकार के कई अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आऱोप लगाये हैं। सुधीर कुमार कह रहे हैं कि वे जो आऱोप लगा रहे हैं उसका सबूत भी दे रहे हैं।
आपको बता दें कि साढे चार साल पहले यानि 2017 में बिहार में कर्मचारी चयन आयोग घोटाला हुआ था। कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा होने से पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था। इस मामले की जांच हुई तो आय़ोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार दोषी पाये गये। आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार को 24 फरवरी 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
उसके बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था। साढ़े तीन साल तक जेल में रहने के बाद पिछले साल 7 अक्टूबर को वह जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए थे। जमानत मिलने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबन मुक्त कर राजस्व पर्षद का सदस्य बनाया था।