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उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री पद के लिए धामी ने ली शपथ, देखिए कौन-कौन हुआ कैबिनेट में शामिल

धामी बने उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री। मुख्यमंत्री पद के लिए धामी ने ली शपथ। शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की दिलाई शपथ। 4 महीनों के अंदर चुना तीसरा मुख्यमंत्री।

देहरादून। प्रदेश को उसके 11वें मुख्यमंत्री मिल गए हैं। खटीमा के युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित इस शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही धामी कैबिनेट में सभी पुराने मंत्रियों को शामिल किया गया है। सभी 11 मंत्रियों को भी आज सीएम के साथ शपथ दिलाई गई। बता दें कि शपथ ग्रहण समारोह शनिवार को ही होने वाला था, लेकिन बाद में कार्यक्रम में बदलाव कर दिया गया।

चार महीने के अंदर तीसरा मुख्यमंत्री चुनकर भाजपा ने चुनावी साल में युवा चेहरे पर दांव खेला है। धामी के नाम की घोषणा करके भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने एक बार फिर उत्तराखंड कि सियासत में एक नया मोड़ लाकर खड़ा कर दिया है । मुख्यमंत्री पद की दौड़ में गिने जा रहे दिग्गज नेता सतपाल महाराज, त्रिवेंद्र सिंह रावत, धनसिंह रावत समेत अन्य लोगों को भी धामी ने पीछे छोड़ दिया।

ये हैं धामी के 11 मंत्री:
आपको बता दें कि उत्तराखंड के नए कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, बंशीधर भगत, अरविंद पांडेय, हरक सिंह रावत, स्वामी यतीश्वरा नंद, बिशन सिंह चुफाल, गणेश जोशी, रेखा आर्य, धनसिंह रावत, यशपाल आर्य को दिलाई गई।

धामी ने मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह से पहले प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों से शिष्टाचार भेंट की। रविवार शाम धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। धामी ने पार्टी नेताओं के साथ राजभवन जाकर राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से भी मुलाकात की और उन्हें सरकार बनाने का प्रस्ताव सौंपा था। आपको बता दें की उत्तराखंड के 11 वें और सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री विधायक पुष्कर सिंह धामी खटीमा विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे है । पुष्कर सिंह धामी का जन्म पिथौरागढ की ग्राम सभा टुंडी में हुआ था।

सीएम पुष्कर सिंह धामी का राजनीतिक सफर:
वर्ष 1994-1995 में विद्यार्थी परिषद की सदस्यता ली, 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी के ओएसडी रहें। 2005 में भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष, 2010-12 तक शहरी अनुश्रवण परिषद उपाध्यक्ष, 2012 में  विधायक बने, 2013 में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष, 2017 में दूसरी बार विधायक बने और फिर 2021 में मुख्यमंत्री पद तक का सफर किया तय।

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