
हिमाचल प्रदेश सरकार: इस मानसून भारी बारिश से अब तक हुई 218 लोगों की मौत
राज्य के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बुधवार को विधानसभा में जानकारी दी कि राज्य में मानसून से अभी तक 218 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जबकि 12 अभी भी लापता हैं।
कैबिनेट मंत्री ने मानसून सत्र के तीसरे दिन जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की। इस दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 13 जून से अभी तक 451.56 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका हैं । ये नुकसान क्षतिग्रस्त सड़कों, पानी की लाइनों और बिजली ख़राब होने के कारण हुआ।
अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि शिमला में सबसे अधिक 34, कांगड़ा में 25, सिरमौर में 23, चंबा में 21, मंडी में 19, लाहौल-स्पीति में 18, कुल्लू में 17, सोलन में 16, 14 लोगों की मौत हुई है। 13 जून से 3 जुलाई तक ऊना और किन्नौर में 12, बिलासपुर में 12 और हमीरपुर में पांच-पांच मौतें सामने आयी हैं।
महेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया ,” राज्य में मानसून के दौरान भारी बारिश के कारण कई सड़कें, पुल, पीडब्ल्यूडी की संपत्ति, पानी की लाइनें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ”
इससे पहले, सत्र के दौरान चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के किन्नौर विधायक जगत सिंह नेगी ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाहौल में किसानों की 70 प्रतिशत फसल ख़राब हो गई है। इसका कारण क्षतिग्रस्त पुलों और सड़कों के कारण पकी फसलों का मंडियों तक न पहुँच पाना था।
राज्य सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस विधायक ने आरोप लगाया कि लाहौल-स्पीति जिले के उदयपुर उपमंडल में बादल फटने के बाद सरकार स्थिति को संभालने में विफल रही।
उन्होंने दावा किया कि कई लोगों को गुफा में कुछ दिन बिताने पड़े क्योंकि स्थानीय प्रशासन उन्हें नहीं बचा सका। उन्होंने उन चालीस लोगों का भी हवाला दिया जिन्होंने 40 दिन गुफा में बिताएं।
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