
डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आक्सीजन की कमी से होने वाली मौत के विषय में केंद्र पर फिर उठाए सवाल
नई दिल्ली : दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया द्वारा केंद्र सरकार पर आक्सीजन की कमी से होने वाली मौत को लेकर निशाना साधा गया है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि आक्सीजन की कमी को लेकर दिल्ली में कितनी मौत हुई है, इसके लिए समिति बनाने का फैसला हुआ था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को भी इस समिति के गठन के लिए पत्र लिखा गया था। जिसमें लिखा गया था कि समिति जांच करके यह बता सकती है कि आक्सीजन की कमी से मौत हुई है, मौत हुई भी है या फिर नहीं।
आज दिल्ली सरकार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चिट्ठी लिखी जिसमें कहा गया कि, आक्सीजन की कमी से हुई मौत के विषय में जांच समिति बनाने की जरूरत नहीं है। चिट्ठी में कहा गया कि नेशनल टास्क फोर्स का गठन सुप्रीम कोर्ट ने किया गया है, जो पहले ही इस विषय में जांच कर रही है। सिसोदिया द्वारा कहा गया कि, केंद्र सरकार ने इससे बड़ा फ्राड नहीं किया होगा, टास्क फोर्स यह नहीं बता सकती कि आक्सीजन की कमी से आखिर कितनी मौत हुई है।
दूसरी वजह जिसका जिक्र केंदीय स्वास्थ्य मंत्री ने पत्र में किया कि टास्क फोर्स में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के लिए एक सब ग्रुप बनाने के लिए कहा है। परंतु, वास्तविकता यह है कि इस जांच के लिए सब ग्रुप को भी नहीं कहा गया है कि आक्सीजन की कमी से हुई मौत का आकलन करें।
डिप्टी सीएम ने कहा कि, जो दोनों कारण उन्होंने बताए हैं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री झूठे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित टास्क फोर्स को अगर इस विषय में जांच करनी होती तो केंद्र सरकार के द्वारा आखिर सभी राज्यों को क्यों चिट्ठी लिखी गई कि उनके राज्य में आक्सीजन की कमी से कोई मौत हुई भी है या फिर नहीं। अगर आंकड़े है तो वह सामने प्रस्तुत करें।
उनका कहना है कि, यह पूरा ड्रामा केंद्र सरकार कर रही थी, इस मामले में जब एक राज्य एक कमेटी बनाने की मांग करता है तो उसे रोक दिया जाता है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में आक्सीजन के डिस्ट्रीब्यूशन को लेकर बड़ी लापरवाही बरती थीं।