
दिल्ली : एक तरफ जहां देशभर में दिवाली की धूम है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली सरकार की नींदे उड़ी हुई हैं। दिवाली की तैयारी के बीच वायु गुणवत्ता की समस्या भी सामने आ रही है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में व्यापक वायु गुणवत्ता सूचकांक यानि AQI 250 से ज्यादा पहुंच गया है। वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान यानि SAFAR प्रणाली के मुताबिक, दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में एक्यूआई ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है, मथुरा रोड पर ‘खराब’ श्रेणी में लगभग 300 पहुंच गया है। वहीं गुरुग्राम में ‘मध्यम’ श्रेणी में 150 पार कर गयी है।
आशंका जताई जा रही है कि, दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में और गिरावट आएगी। हालात ये हैं कि, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। इससे अस्थमा के रोगियों की समस्या बढ़ जाती है। साथ ही वायु प्रदूषण हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करता है और हृदय को नुकसान पहुंचाता है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि, प्रदूषण में न केवल वह पदार्थ होते हैं, जो बहुत हानिकारक हैं बल्कि फेफड़ों से रक्त वाहिकाओं में स्थानांतरित होते हैं, बल्कि कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड जैसे गैसीय मीट्रिक भी होते हैं। ये सभी हानिकारक पदार्थ माने जाते हैं। वे हृदय की धमनियों में सूजन पैदा करते हैं। जब यह पार्टिकुलेट मैटर रक्तप्रवाह के जरिये फेफड़ों तक पहुंचता है, तो हृदय की धमनियों में सूजन आ जाती है और रक्त के थक्के में बढ़ जाते हैं, इन दो महत्वपूर्ण कारकों से दिल का दौरा पड़ता है।
प्रदूषण से हृदय की धमनियों की आंतरिक परत को नुकसान होता है, जो कोलेस्ट्रॉल और कोरोनरी धमनी रोग की स्थिति का कारण बनता है। “ये प्रदूषक कण फिर से रक्त में मिल जाते हैं और हृदय की लय में गड़बड़ी पैदा करते हैं और हृदय गति को प्रभावित करते हैं। कभी-कभी, यह अचानक मृत्यु का कारण भी बनता है।”