दिल्ली वासियों को मिलेगा प्रदूषण और जाम से निजात, सार्वजनिक परिवहन को बढावा देने को केजरीवाल सरकार उठाएगी ये कदम
दिल्ली : दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने प्रदूषण(pollution)पर लगाम लगाने को लेकर दिल्ली की सड़कों से 50 फीसदी तक वाहनों को कम करने की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए दिल्ली सरकार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन, रेलवे, एमसीडी और पीडब्ल्यूडी सहित तमाम संबंधित विभाग और एजेंसियों की एक कमेटी गठित की जाएगी।
डीएमआरसी(DMRC) के 28 वां स्थापना दिवस के मौके पर मेट्रो भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने कई अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा कि, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए सभी एजेंसियां साथ मिलकर काम करेंगी। जाम लगने और प्रदूषण की चिंता खत्म होगी। इसके लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि, अंतिम छोर तक की पहुंच को और सुलभ बनाया जाए। ताकि लोगों को घर या कार्यस्थल तक पहुंचना आसान हो सके। ई वाहन, मिनी बसों सहित दोपहिया वाहनों को भी प्रोत्साहित करने के लिए कमेटी सभी पहलुओं पर विमर्श करने के बाद योजनाओं को लागू करेगी। उम्मीद है कि, दिल्लीवासी सार्वजनिक परिवहन की तरफ स्विच करेंगे।
मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि, बस परिवहन को मेट्रो के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) को लागू किया जाए। सार्वजनिक परिवहन की सुविधाएं अगर बेहतर होंगी तो सभी लोग खुद ब खुद सार्वजनिक परिवहन की ओर रुख करेंगे। अगर 10 हजार बसें अगर दिल्ली मेट्रो की सुविधा सहित अंतिम छोर तक पहुंचने की सुविधा हो तो परिवहन क्षेत्र में दिल्ली में अप्रत्याशित बदलाव दिखेंगे।
मुख्य सचिव ने सुझाव दिया कि, केंद्र सरकार के सहयोग से मेट्रो कॉरिडोर के इर्द-गिर्द ग्लोबल एजुकेशन सेंटर, स्पेशल इकोनॉमिक जोन, डाटा सेंटर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सेंटर विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। इसके लिए अलग कॉरिडोर में बर्कले, पीट्सबर्ग, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की तर्ज पर यहां भी विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा सकती हैं। ऐसे संस्थानों से न तो प्रदूषण होगी और बेहतर परिवहन से आवागमन की भी सहूलियत होगी।