दिल्ली : भारत की जासूसी, और देश की सुरक्षा में सेंध के साथ साइबर फ्रॉड का भी खतरा बढ़ गया है। दरअसल ग्रेनो में रहे चीनी नागरिकों के नेपाल बॉर्डर और गुरुग्राम से गिरफ्तारी के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
ये भी पढ़े :- सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड : दिल्ली पुलिस ने शूटर अंकित ने किया गिरफ्तार
जांच एजेंसियों को चीनी नागरिकों और उनके मददगार माने जा रहे रवि नटवरलाल से पूछताछ की। पूछताछ में पता चला है कि, आरोपी भारत से सेलफोन (मोबाइल) स्क्रैप खरीदकर उनके पुर्जे जैसे रैम आदि चीन भेज देते थे। जांच एजेंसियों को आशंका है कि, सेलफोन इस्तेमाल करने वाले लाखों भारतीयों का डाटा इन पुर्जों के जरिए चीन भेजा जा चुका है।
ये भी पढ़े :- अफगानिस्तान: हेरात में तालिबान सदस्यों को ले जा रहे काफिले पर हमला, 20 से ज्यादा आतंकी घायल
बता दें कि, 11 जून इंडो-नेपाल बॉर्डर से 2 चीनी नागरिकों लु लैंग और यूं हेलंग और गुरुग्राम से जू फाई और उसकी महिला मित्र नगालैंड की रेनुओ पटेखो की गिरफ्तारी के बाद रवि नटवरलाल का नाम सामने आया था। नोएडा सेक्टर-143 की गुलशन इकबाना सोसाइटी निवासी मूलरूप से गुजरात निवासी रवि नटवरलाल 2012 में एमबीबीएस करने चीन गया था। आरोपी वहां कुछ संदिग्ध लोगों के संपर्क में आ गया और एमबीबीएस पूरी करने से कुछ पहले भारत लौट आया। इसके बाद चीन के संदिग्ध नागरिकों के संपर्क में आकर अवैध गतिविधियों में संलिप्त हो गया।