केजरीवाल सरकार को दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार , कहा – “कैसे बरत सकते हैं इतनी लापरवाही”
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को फिटनेस और पंजीकरण प्रमाण पत्र के बिना सड़कों पर चलने वाले ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई नहीं करने के लिए फटकार लगाई है।
अदालत ने लगाई फटकार
अदालत ने कहा सभी वाहन दिनदहाड़े चल रहे हैं, और अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ ने कहा कि, हम हैरान हैं कि फिटनेस प्रमाणपत्र और रजिस्ट्रेशन खतम होने के बावजूद कैसे दिल्ली सरकार का परिवहन विभाग दिन के उजाले में ई-रिक्शा और ऑटो चलाने की अनुमति दे रहे हैं। पीठ ने दिल्ली सरकार को इस संबंध में तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया है।
अदालत में पेश किए गए आंकड़ें
दरअसल सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अदालत को बताया गया कि, 80583 ई-रिक्शा ऐसे हैं जिनके फिटनेस प्रमाणपत्र दिसंबर 2021 में समाप्त हो गए और वे अभी भी दिल्ली की सड़कों पर चल रहे हैं। इसी तरह 9451 ऑटो रिक्शा जिनका पंजीकरण समाप्त हो गया है वे भी यहां सड़कों पर चल रहे हैं। जिसपर पीठ ने कहा कि, जाहिर है कि, सरकार सड़कों पर चलने वाले प्रत्येक वाहन की फिटनेस के संबंध में कानून और नियमों को लागू करने के लिए गंभीर नहीं हैं।
हाईकोर्ट ने 11 मई तक का दिया समय
अदालत ने मामले में उचित कार्रवाई कर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिए हैं। साथ ही अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तारीख तय की है। बता दें कि, याचिका में दिल्ली सरकार को तब तक इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए नए परमिट जारी करने से रोकने की मांग की गई है। जब अनाधिकृत ई-रिक्शा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है जो बिना फिटनेस के चल रहे हैं। याचिका में यह भी मांग की गई है कि ई-ऑटो के लिए नए परमिट तब तक नहीं दिए जाएं जब तक 15 वर्ष पुरानी 22000 पुरानी कारों को दिल्ली की सड़कों से हटा नहीं जाता।