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दिल्ली : राजधानी में इको सिस्टम को लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों में बढ़ा आकर्षण

नई दिल्ली : दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों का आकर्षण बढ़ता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर सकारात्मक पहल के साथ ही बहुत सी बुनियादी और व्यावहारिक समस्याएं भी शामिल हैं। जिसके कारण लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में असमंजस में है।

पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन क्लाइमेट ट्रेंड्स ने इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर लोगों के बर्ताव और उपयोग संबंधी व्यवहार को जानने के उद्देश्य से किए गए सर्वे की रिपोर्ट जारी की। इस सर्वे के द्वारा उन कमियों को जानने, उसकी मनोदशा और दूसरे कारकों को समझने का प्रयास किया गया है जो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए लोगों को प्रेरित और हतोत्साहित करें।

क्लाइमेट ट्रेंड्स की सदस्य मधुलिका वर्मा ने बताया कि सर्वे में लोगों ने इलेक्ट्रिक वाहनों को पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से अनुकूल और वायु प्रदूषण को कम करने वाला बताया है। नई प्रौद्योगिकी को लेकरलोगों में उत्साह भी देखा गया। इस सर्वे में लोगों से पता चला कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बार बार चार्ज करने की जरूरत होती है।

जिसको लेकर आशंकाएं जताई गई और उनकी रीसेल वैल्यू और पिक अप पावर को लेकर भी लोगों ने अपनी चिंताएं व्यक्त की। लंबी दूरी तय करने को लेकर उसके मूलभूत ढांचे की कमी और उसके भरोसेमंद न होने की बातें भी लोगों ने सामने रखी।

सर्वे में चार पहिया वाहनों को चलाने वाले वर्ग में पता चला कि ज्यादातर लोग पुरुषों ने इलेक्ट्रिक कारों को स्वीकार किया हैं जो अपेक्षाकृत अधिक आयु वर्ग के हैं। 17% नकारात्मक जवाब देने वाले लोगों के पास अभी तक कोई भी कार नहीं है। इससे यह पता चला कि पहली बार कार खरीदने की सोच रहे लोगों की नजरिए में इलेक्ट्रिक कार का विकल्प कम आकर्षक है। वहीं ई-वाहन खरीदने वालों के दोपहिया वर्ग में ज्यादातर महिलाएं हैं।

क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला ने बताया कि घरेलू स्तर पर ही नहीं, वैश्विक स्तर पर भी इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है। इलेट्रिक वाहनों का इको सिस्टम अब सुर्खियों में है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सरकारें भी आए दिन नई नई नीतियां ला रही हैं। आरती खोसला ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की धीमी रफ्तार और उपभोक्ताओं में इनकी स्वीकार्यता की कमी से अभी भी समस्याएं बरकरार हैं।

उपभोक्ताओं का विश्वास इसके प्रति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता का दायरा बढ़ाने की भी जरूरत हैं।

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