
कुंभ कोरोना जांच फर्जीवाड़ा: जांच के घेरे में आए सीएमओ हरिद्वार
SIT जांच के घेरे में आए सीएमओ हरिद्वार। जांच एजेंसी को आरोपी पैथ लैब से जो दस्तावेज़ मिले, उनसे हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जुड़ी कई बातें आई सामने।
हरिद्वार। प्रदेश में कुंभ स्नान मेले के दौरान हुए कोविड टेस्ट फर्ज़ीवाड़े के मामले में जांच हर दिन एक नया मोड़ लेती नजर आ रही है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम की मानें तो अब इस मामले में हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी यानी सीएमओ डॉ. एसके झा की भूमिका भी जांच के दायरे में आ गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो कुंभ के दौरान कोविड जांच के लिए जिन एजेंसियों के साथ अनुबंध किया गया था, उन्होंने झा की निगरानी में ही टेस्ट किए थे और अब झा का इस पूरे मामले में क्या रोल रहा, इस संबंध में एसआईटी की टीम हर पहलू खोज रही है, जबकि झा इस मामले में शिकायतकर्ता रहे हैं।
एसआईटी के अधिकारी राकेश रावत ने मीडिया से वार्ता में बताया कि, ‘ जांच एजेंसी ने अभी तक किसी को क्लीन चिट नहीं दी है और मामले में शामिल हर व्यक्ति से पूछताछ की जा रही है।’ वहीं झा ने इस मामले पर बातचीत में बताया कि, ‘मुझसे पूछताछ ज़रूर की गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं आरोपी हूंं। मैं इस मामले में बेदाग हूं।’
आपको बता दें कि हरियाणा की डेल्फिया लैब के साथ मिलकर नलवा पैथ लैब ने कुंभ स्नान के दौरान करीब 1 लाख कोविड किए थे। पिछले दिनों जांच के दौरान नलवा लैब ने कुछ दस्तावेज़ प्रस्तुत किए, जिनसे सीएमओ की भूमिका को लेकर सवाल खड़े हुए थे। रिपोर्ट के मुताबिक डेल्फिया लैब को पिछले साल रुद्रप्रयाग ज़िले में केदारनाथ में मुफ्त फर्स्ट एड किट बांटने के लिए अनुबंधित किया गया था, तब ज़िले के सीएमओ झा ही थे।