
सर्जरी की वेटिंग कम करने के लिए एम्स चलाएगा दो शिफ्ट में ऑपरेशन थिएटर
मरीजों के बेहतर इलाज के लिए एम्स कमेटी ने जिम्मेदारी देने की बात कही है। ऑपरेशन थिएटर, सभी वार्ड, इमरजेंसी, सभी सेंटर और जांच सुविधा केंद्र के फैकल्टी प्रभारी इसके अंतर्गत नियुक्त किए जाएंगे।
नई दिल्ली : दिल्ली में बने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में प्रशासन ने अस्पताल की चिकित्सकीय व्यवस्था में सुधार के लिए नई शुरूआत की है। इसके अंतर्गत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति और निगरानी समिति ने आपरेशन थियेटर दो मीटिंग में चलाने की के लिए कहा है।
इसे लागू करने के लिए एम्स फैकल्टी सेल ने संस्थान के सभी सेंटरों के प्रमुखों और चिकित्सा अधीक्षक को छह अगस्त को निर्देश दिया था। ज्यादा मरीजों की सर्जरी के लिए दो पालियों में आपरेशन थियेटर चलाई जाएगी। वेटिंग कम करने के लिए एम्स दो पालियों में आपरेशन थियेटर चलाकर सर्जरी करेगा।
तीन महीनों से लेकर छह साल तक की एम्स में सर्जरी के लिए वेटिंग होती है। विशेषकर दिल और न्यूरो की सर्जरी के लिए वेटिंग सबसे ज्यादा होती है। पांच से छह साल की वेटिंग दिल की गंभीर बीमारियों से पीडि़त रोगियों को भी सर्जरी के लिए करनी पड़ती है। तीन से छह माह बाद का समय कैंसर की सर्जरी के लिए भी रोगियों को दिया जाता है। कोरोनाकाल में लंबे समय तक रूटीन सर्जरी बाधित रही है। जिससे मरीजों की दिक्कतें बहुत बढ़ गई हैॅ। एम्स में कोरोनाकाल में तीन आत्महत्या की घटनाएं सामने आई थी।
एम्स में एडमिट दो मरीजों तथा एक मेडिकल छात्र ने सुसाइड कर लिया था।जिसके बाद एम्स की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे थे। इस कारण एम्स के कामकाज और इलाज की व्यवस्था में सुधार के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेषज्ञों की कमेटी गठित की थी। एम्स को मरीजों के लिए इस समिति द्वारा ज्यादा सुविधाजनक बनाने के लिए कई जरूरी सुझाव दिए।
मरीजों के बेहतर इलाज के लिए कमेटी ने जिम्मेदारी देने की बात कही है। ओपीडी, सभी वार्ड, इमरजेंसी, सभी सेंटर और जांच सुविधा केंद्र के फैकल्टी प्रभारी इसके अंतर्गत नियुक्त किए जाएंगे। मरीजों को इलाज में अधिक परेशानी न हो यह देखना फैकल्टी प्रभारी की जिम्मेदारी होगी। लंबे समय तक आपरेशन थियेटर को समिति ने दो पालियों में चलाने को कहा है।
जिससे सर्जरी की वेटिंग का वक्त कम हो सके। इस वक्त सुबह लगभग 8:30 बजे से शाम पांच बजे तक रूटीन सर्जरी की जा रही है। पहले भी एम्स में दो पालियों में आपरेशन थियेटर चलाने का प्रयास हुआ था पर लागू नहीं हो पाया। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह प्रयास इस बार लागू होता है या नहीं।
एम्स में 500 रुपये तक की जांच शुल्क को निगरानी समिति ने मुफ्त करने की सिफारिश की है। पिछले कई सालों से यह मामला लंबित है। निगरानी समिति ने कहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एम्स प्रशासन इसे स्वीकृति दिलाने की कोशिश करें। निशुल्क 500 रुपये तक की जांच करने से मरीजों का वक्त बचेगा। बार-बार उन्हें काउंटर पर लाइन लगाने की जरूरत नहीं होगी। प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाकर इससे होने वाले आर्थिक नुकसान को भरा जा सकता है।
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