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” मुआवजा के लिए कोरोना का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना पड़ सकता है भारी ” – सुप्रीम कोर्ट
कोरोना महामारी के कारण हुए मौत के लिए 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि के लिए फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पर सुप्रीम कोर्ट ने आज चिंता व्यक्त की है। बता दें कि सरकार कोरोना से मरने वाले लोगों को मुआवजा दे रही है। ऐसे में कई लोग फर्जी मेडिकल सर्टिफेकट के आधार पर इन मुआवजा का फायदा उठा रहे हैं। जिसपर कोर्ट ने सुनावाई करते हे कहा कि अगर लोग इस फर्जीवाड़ा से बाज नहीं आए तो वह सीएजी द्वारा इसकी जांच का आदेश दे सकता है।
कोर्ट ने रोक लगाने के लिए मांगा सुझाव
बता दें कि शीर्ष अदालत ने फर्जी कोरोना मृत्यु प्रमाण पत्र पर रोक लगाने के लिए सुझाव मांगा है। गौतलब है कि केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने फर्जी कोरोना प्रमाणपत्र या नकली दावों का मुद्दा उठाया था। तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कोर्ट के आदेश के अनुसार फिलहाल डाक्टरों द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर ही यह अनुग्रह राशि दी जा रही है। इससे कई लोग कोर्ट के आदेश का नाजायज फायदा उठा रहे हैं और डॉक्टर को पैसे देकर फर्जी प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं।