नई दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच छिड़ा विवाद, जमकर हुई मारपीट
दिल्ली के कड़कड़डुमा कोर्ट में वकीलों और पुलिस कर्मियों के बीच झड़प हो गया। बताया जा रहा है कि अभी मामला शांत है। इस दौरान वकीलों ने इसकी शिकायत डिस्ट्रिक्ट जज को दी।
दरअसल, दिल्ली के नंद नगरी थाने पर देर रात एक वकील नीरज झा के पुलिस कर्मी ने थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद नंद नगरी थाने में वकीलों की भीड़ इकट्ठी हुई और वहां पर पुलिस ने आईटीबीपी के जवानों को बुलवाया, उसके बाद भी वहां झड़प हुई।
आपको बता दें कि यह पहली मर्तबा नहीं है जब पुलिसकर्मियों और वकीलों के बीच झड़प हुआ है। इससे पहले भी कई बार कोर्ट में पुलिस कर्मियों और वकीलों के बीच झड़प हो चुका है।
पुलिसकर्मी में किया जाएगा परिवर्तन
तीस हजारी में पुलिस और वकीलों के बीच झड़प होने की आशंका अब भी बनी हुई है. इस सबके बावजूद, पुलिस ने सोमवार को तीस हजारी अदालत की सुरक्षा किसी किले सी अभेद्य बनाने के लिए खास रणनीति बनाई है. इस रणनीति के तहत तय हुआ है कि शनिवार को दिल्ली पुलिस की तीसरी वाहनी के जिन पुलिसकर्मियों के साथ वकीलों की मारपीट हुई, उन्हें सोमवार को दोबारा अदालत परिसर में न लगाया जाए.
जिस नई और बदली हुई फोर्स को कोर्ट कैंपस में तैनात किया जाए, उसमें अधिकांश पुलिस थाने-चौकी की हो. जो हमेशा आमजन के बीच कानून व्यवस्था संभालने की अनुभवी मानी जाती है. जबकि दिल्ली पुलिस तीसरी वाहनी के पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी सिर्फ कैदियों को जेल से अदालत और फिर अदालत से जेल तक ले जाने भर की ही होती है.
आखिर क्यों लिया गया ये फैसला?
रणनीति बदलने की प्रमुख वजह यह भी है कि, शनिवार को जो पुलिसकर्मी और वकील आमने-सामने हुए थे, अगर वे ही सोमवार को कहीं आमने-सामने आ गए तो ऐसा न हो बैठे-बिठाए कोई नई मुसीबत सिर आ पड़े. इसलिए सोमवार को थानों और रिजर्व पुलिस फोर्स तथा अर्धसैनिक बल ही तैनात करना बेहतर होगा.