
मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते की रणनीति को लेकर कांग्रेस ने की बैठक, आज पेश किए जा रहे बिल को देगी समर्थन
मानसून सत्र की रणनीति बनाने के लिए बैठक करने कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेता संसद पहुंचे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार सदन को अपने तरीके से चलाना चाहती है।
नई दिल्ली : संसद का मानसून सत्र अपने अंतिम दौर पर चल रहा है। ऐसे में यह कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि इस बार के सत्र में ऐसा कोई दिन नहीं बीता, जब सदन की कार्यवाही बाधित ना हुई हो। दोनों ही सदनों में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा मचा रखा है। पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानूनों, महंगाई को लेकर विपक्ष हमलावर है। केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों ने आरोप लगते हुए कहा है कि सरकार सदन को अपने तरीके से चलाना चाहती है। विपक्ष, सरकार को घेरने के लिए इन मुद्दों पर खुलकर चर्चा चाहता है।
वहीं, अब सत्र का आखिरी हफ्ता रह गया है, जिसपर विपक्ष की बैठक संपन्न हुई। बताया गया कि संसद के मानसून सत्र के आखिरी हफ्ते के लिए अपनी रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेता बैठक के लिए संसद पहुंचे। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो चुका है, जो 13 अगस्त तक चलेगा।
आज बिल का समर्थन करेगा विपक्ष
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘सभी विपक्षी दल आज संसद में पेश किए जा रहे संविधान (एक सौ सत्ताईसवें संशोधन) विधेयक 2021 का समर्थन करेंगे।’ उन्होंने कहा कि बाकी के मुद्दे अपनी जगह हैं लेकिन ये मुद्दा पिछड़े वर्ग के लोगों और देश के हित में है। हम सबका फर्ज है कि गरीबों और पिछड़ों के हित में जो कानून आता है हम उसका समर्थन करें।
संसद के मानसून सत्र के अंतिम सप्ताह में प्रवेश करते ही 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने पेगासस जासूसी विवाद और किसानों की चिंताओं जैसे मुद्दों पर एक साझा रणनीति बनाने के लिए सोमवार को संसद परिसर में बैठक की। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कक्ष में हुई बैठक में शामिल होने वालों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल थे।
कांग्रेस के अलावा, DMK, TMC, NCP, शिवसेना, SP, CPM, RJD, AAP, CPI, NC, IUML, LJD, RSP और KC (M) के नेता मौजूद थे। पेगासस जासूसी मुद्दे और किसानों की समस्याओं पर चर्चा के लिए विपक्षी दल एकजुट होकर सरकार पर दबाव बना रहा है।
19 जुलाई को मानसून सत्र के लिए हुई बैठक के बाद से संसद कोई महत्वपूर्ण कार्य करने में विफल रही है। हालांकि हंगामे के बीच कुछ बिल पास हो गए हैं।
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