स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये के विशेष सिक्के जारी, PM मोदी बोले- लोकतंत्र का मंदिर है नई संसद
नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में PM मोदी का हुआ स्वागत, राष्ट्रगान के बाद शुरू हुए शुभकामना संदेश
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन किया। तमिलनाडु के मठों से आए अधीनम ने उनको सेंगोल सौंपा तो उन्होंने साष्टांग प्रणाम किया और सेंगोल को सदन में स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित किया। कार्यक्रम के दौरान पीएम ने श्रमयोगियों का सम्मान किया और सर्वधर्म सभा भी हुई।
इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी नए नए संसद भवन के लोकसभा कक्ष में पहुंचे। उनके साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद रहे। तमाम सांसदों और मुख्यमंत्रियों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। फिर राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद शुभकामना संदेश शुरु हुआ। इसके बाद पीएम मोदी ने नए संसद भवन से स्मारक डाक टिकट और वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार किए गए 75 रुपये के विशेष सिक्के जारी किए।
पूरा देश बन रहा इस ऐतिहासिक पल का साक्षी: ओम बिड़ला
नए संसद भवन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अपने संबोधन में कहा कि आजादी के अमृतकाल में पूरा देश आज इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बन रहा है। मैं PM मोदी को साधुवाद देता हूं जिनके दृढ़ संकल्प और प्रेरक मार्गदर्शन से संसद का ये नया भवन 2.5 साल से भी कम अवधि में बनकर तैयार हुआ है।
नया संसद भवन हमारे लोकतंत्र का मंदिर है: पीएम मोदी
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, आज 28 मई, 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आज़ादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। आज सुबह ही संसद भवन परिसर में सर्व पंथ प्रार्थना हुई है। मैं सभी देशवासियों को इस स्वर्णिम क्षण की बहुत बधाई देता हूं। यह सिर्फ भवन नहीं है यह 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। यह हमारे लोकतंत्र का मंदिर है।
उन्होंने कहा कि यह नया भवन हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपने को साकार करने का साधन बनेगा। यह नया भवन आत्मनिर्भर भारत के सूर्योदय का साक्षी बनेगा। यह नया भवन विकसित भारत के संकल्पों की सिद्धी होते हुए देखेगा। नए रास्तों पर चलकर ही नए प्रतिमान गढ़े जाते हैं। आज नया भारत नए लक्ष्य तय कर रहा है। नया जोश है, नई उमंग है, दिशा नई है, दृष्टि नई है।
नए संसद भवन को देखकर गौरव से भरा हर भारतीय: PM
पीएम मोदी ने कहा कि आज इस ऐतिहासिक अवसर पर कुछ देर पहले संसद की नई इमारत में पवित्र सेंगोल की भी स्थापना हुई है। महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्र पथ का प्रतीक माना जाता था। राजा जी और अधिनम के संतों के मार्ग दर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तातंरण का प्रतीक बना था। तमिलनाडु से विशेष तौर पर अधिनम के संत भवन में हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुए थे। उन्होंने कहा कि आज नए संसद भवन को देखकर हर भारतीय गौरव से भरा हुआ है। इसमें वास्तू, विरासत, कला, कौशल, संस्कृति और सविंधान भी है। लोकसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय पंक्षी मोर पर आधारित है, राज्यसभा का आंतरिक हिस्सा राष्ट्रीय फूल कमल पर आधारित है। संसद के प्रांगण में राष्ट्रीय वृक्ष बरगद भी है।
भारत को बनाना है विकसित राष्ट्र: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद भवन ने करीब 60,000 श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया है। इनके श्रम को समर्पित एक डिजिटल गैलेरी भी बनाई गई है। आज जब हम लोकसभा और राज्यसभा को देखकर उत्सव मना रहे हैं तो मुझे संतोष है कि हमने देश में 30,000 से ज़्यादा नए पंचायत भवन भी बनाए हैं। पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है। उन्होंने कहा, हमारे पास 25 वर्ष का अमृत कालखंड है। इन 25 वर्षों में हमें मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है। लक्ष्य बड़ा, कठिन है, लेकिन हम सभी को मिलकर इसे साकार करना है। सफलता की पहली शर्त, सफल होने का विश्वास ही होती है। ये नया संसद भवन, इस विश्वास को नई बुलंदी देने वाला है। ये विकसित भारत के निर्माण में हम सभी के लिए नई प्रेरणा बनेगा। ये संसद भवन हर भारतीय के कर्तव्य भाव को जागृत करेगा।