पीजीआई में सामूहिक योगाभ्यास, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं का भी हुआ सम्मान
लखनऊ: 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में एसजीपीजीआई द्वारा आयोजित योग सप्ताह का आज समापन हुआ। इस दौरान योगाचार्य डॉ. रविंदर वर्मा और डॉ. आंचल वर्मा द्वारा विभिन्न आसनों से योग कराया गया। पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर.के. धीमान ने ‘योग’ का अर्थ बताते हुए कहा कि यह हमारे स्वास्थ्य यानी शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के प्रति समग्र दृष्टिकोण है। योग में आसन, प्राणायाम और ध्यान शामिल हैं।
एक सप्ताह तक चला भव्य आयोजन
उन्होंने सप्ताह के दौरान संस्थान द्वारा आयोजित गतिविधियों की जानकारी दी, जिसमें बच्चों, किशोरों, गर्भवती महिलाओं, कार्डियो रेस्पिरेटरी और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर वाले व्यक्तियों के लिए योग का प्रदर्शन किया गया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा योग को एक समृद्ध भारतीय सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण की सराहना की।
इसके बाद प्रो. एसपी अंबेश, विभागाध्यक्ष, एनेस्थिसियोलॉजी और संस्थान के डीन ने इस दिन के संक्षिप्त इतिहास के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था। कार्यक्रम का समापन 19 जून को ‘योग’ विषय पर आयोजित पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं के अभिनंदन के साथ हुआ। स्नेहा श्रीवास्तव ने श्रेणी 1 में प्रथम पुरस्कार जीता और अमृता शर्मा ने श्रेणी 2 में प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया।