
लखनऊ। यूपी के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद मायावती ने चाबुक चलाना शुरू कर दिया है।मायावती ने पहले तो लोकसभा में सदन के नेता को बदला था अब पश्चिमी यूपी के प्रभारी शमसुद्दीन राईन को हटा दिया है। शमसुद्दीन राईन के उपर बड़ी जिम्मेदारी थी। पश्चिमी यूपी में इनके उपर टिकट वितरण की बड़ी जिम्मेदारी थी। शमसुद्दीन राईन का ही एक ऑडियो और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें भाजपा के साथ कई सीटों पर सेटिंग होने की बात स्वीकारी जा रही है। इसके एवज में शमसुद्दीन राईन को बड़ी रकम ऑफर की गई थी। जिसे वो स्वीकार करते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि अभी तक इस ऑडियो-वीडियो की पुष्टि नहीं हुई है।
नंबर दो की थी पोजिशन
शमसुद्दीन राईन बसपा में बतौर कार्यकर्ता शामिल हुए थे।बगैर किसी सियासी बैकग्राउंड और गॉडफादर के बाद शमसुद्दीन राईन अपनी मेहनत के दम पर मायावती की नजरों में आ गये। एक दौर में नसीमुद्दीन सिद्दीकी का बसपा में सिक्का चलता था, उनके 2018 में बाहर होने के बाद शमसुद्दीन को मायावती ने आगे बढ़ाया। उनके कद का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पश्चिमी यूपी की जिम्मेदारी के साथ उत्तराखंड का प्रभार भी उनके पास था। पश्चिमी यूपी बसपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन, इस चुनाव में बसपा को पूरे प्रदेश में मिली करारी हार के बाद सोचने पर विवश कर दिया है।