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भाजपा और सरकार दोनों की ही मानसिकता किसान विरोधी है: अखिलेश यादव

किसानों की कीमत पर पूंजीघरानों का पोषण करने का उसका रिकॉर्ड जगजाहिर है।

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और सरकार दोनों की मानसिकता किसान विरोधी है। किसानों की कीमत पर पूंजीघरानों का पोषण करने का उसका रिकॉर्ड जगजाहिर है। भाजपा सरकार द्वारा लाए गए तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान 700 से ज्यादा किसान शहीद हो गए। लखीमपुर खीरी में केन्द्रीय राज्य मंत्री के बेटे ने किसानों पर जीप चढ़ा दी जिसमें कई किसान मरे। इन सभी मामलों में भाजपा नेतृत्व पूरी तरह संवेदनशून्य बना रहा। लेकिन लगता नहीं कि भाजपा सरकार ने इस सबसे कोई सबक सीखा हो। उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों का सहकारी चीनी मिलो पर अरबों रुपये बकाया है। खीरी की चीनी मिल पर गन्ना किसानों का 13 अरब रुपये बकाया है। भाजपा सरकार लगातार बकाया राशि के बारे में झूठ बोलती जा रही है। 14 दिन में गन्ने का भुगतान का दम भरने वाली भाजपा सरकार यह क्यों नहीं बताती कि किसानों का अब तक भुगतान क्यों नहीं हुआ? खीरी जिले में दो सहकारी और सात निजी क्षेत्र की चीनी मिले हैं। रूहेलखण्ड के बरेली, बदायूं, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिलों में चीनी मिलों पर करोड़ों रूपये बकाया है। किसान बदहाली के शिकार हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार के कर्जमाफी के झूठे दावों तले दबे किसानों की जाने जा रही हैं। बरेली के नवाबगंज के गांव कुंवरपुर में तुलसी पट्टी में रहने वाले 70 वर्षीय किसान फकीर चंद के पास खेती की थोड़ी जमीन है जिस पर उन्होंने सन् 2008 में पम्पसेट लगाने के लिए 40 हजार रूपये का कर्ज लिया था। इस कर्ज पर चार गुना ब्याज 1.80 लाख रूपये की मांग पर बुजुर्ग किसान के होश उड़ गए और मिनटों में उसके प्राण निकल गए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को कई धोखे दिए हैं। अपने पांच साल पुराने संकल्प-पत्र (चुनाव घोषणा पत्र-2017) में किसानों की आय दुगनी करने का वादा किया था। वादा पूरा करने की अवधि 2022 थी। इस अवधि के 6 माह भी बीत रहे हैं पर अभी तक इस दावों की पूर्ति के कहीं कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। किसानों का कुछ भला होने वाला नहीं है। किसानों की कर्जमाफी के वादे में भी धोखा हुआ। किसानों के बिजली बिल को आधा करने का भी भाजपा सरकार ने वादा किया था वह वादा भी झूठा साबित हुआ।

सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा पूंजीपति परस्त नीति के चलते ही इस वर्ष गेहूं की फसल की बिक्री क्रय केन्द्रों पर नहीं हुई। पांच बड़ी कम्पनियों ने किसानों से औने पौने दाम पर गेहूं खरीद लिया। अब कम्पनियां अपना मुनाफा कमाने के लिए महंगे दामों पर आटा बाजार में बेचेंगी। इससे आम आदमी प्रभावित हो रहा है। भाजपा चंद पूंजीपतियों के हाथों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बंधक बनाने की साजिष कर रही है। समाजवादी पार्टी किसानों, गरीबों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। जनता का भाजपा सरकार की कुनीतियों के विरूद्ध दृढ़ता से प्रतिरोध जारी रहेगा।

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