कौन होगा यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में मुख्यमंत्री पद का चेहरा ?
बीते कुछ समय से उत्तर प्रदेश की राजनीति में काफी फेरबदल की उम्मीदें जताई जा रही थी कभी मंत्रिमंडल विस्तार की खबरें आ रही थी तो कभी सीएम उम्मीदवार को लेकर चर्चाएं चल रही थी. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़े नेताओं से मुलाकात के बीच कई अन्य बातें भी निकल कर सामने आने लगी और चर्चाओं का दौर तेज हो गया. लेकिन अब धीरे-धीरे उत्तर प्रदेश में राजनीति की तस्वीर साफ होती नजर आ रही है. राज़ की रात अभी बाकी है और यह राज उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बाद ही खुलेंगे.
बीते कुछ समय से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चाएं चल रही थी कि शायद इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अगले वर्ष के लिए उम्मीदवार का चेहरा नहीं होंगे. लेकिन हकीकत यह है कि चुनाव से पहले तक चेहरे में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा, हालांकि इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि यूपी की सियासत से लेकर यूपी का शासन सीधे दिल्ली की निगरानी में चलेगा इसके अलावा उत्तर प्रदेश के कुछ लोगों का महत्व बढ़ेगा तो सियासी सीमा करोड़ों को साधने के लिए कुछ नेताओं का कद और पद भी बढ़ सकता है. सरल भाषा में बोले तो प्रशासनिक फैसलों के विकेंद्रीकरण किया जा सकता है.
चल रही है जीत की तैयारी
हर कोई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे के पीछे की वजह जानने की कोशिशों में लगा हुआ है विपक्ष की भी चिंताएं मुख्यमंत्री योगी के दौरे से बढ़ गई थी दरअसल सीएम योगी दिल्ली आए तो भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष यह संगठन के किसी अन्य पदाधिकारी से मिलने के बजाए सीधे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे इसी मुलाकात के बीच भारतीय जनता पार्टी सरकार की सहयोगी और अपना दल एस की नेता अनुप्रिया पटेल भी पहुंची और बातचीत का दौर लगभग डेढ़ घंटे चलता रहा.
अमित शाह से पहले क्यों मिले योगी
एक निजी चैनल द्वारा प्रकाशित की गई ख़बर के अनुसार मुख्यमंत्री योगी सीधी अमित शाह से इसलिए मिले क्योंकि उन्हें वही जाने के लिए कहा गया था, क्योंकि इस बात में कोई संदेह नहीं है की आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में चुनाव की कमान एक बार फिर से अमित शाही संभालने जा रहे हैं और यही वजह है कि सबसे पहले मुख्यमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे संगठन और सियासी योजनाओं पर दोनों नेताओं के बीच में चर्चाएं हुई.
80 मिनट तक चली थी प्रधानमंत्री से चर्चा
वही जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे तो वहां 80 मिनट की बातचीत में सरकारी योजनाओं पर ज्यादा चर्चा किया गया और यूपी में किए गए वादों पर ज्यादा फोकस किया गया, राज्य की तरफ से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर सीएम योगी ने पीएम को प्रजेंटेशन दिया. इस दौरान पीएमओ के अधिकारी भी रहें. इसमें योगी से योजनाओं में हुई देरी या कमियों पर खुलकर पूछताछ हुई. साथ ही केंद्र से जो मदद या अपेक्षाएँ हैं, उन पर भी योगी ने अपनी बात रखी.