Chhattisgarh: नहीं हो सका नाली ढंकने का काम, बारिश में लोगों की बढ़ी मुसीबत
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खुली नालियों ने शहर की खूबसूरती पर ग्रहण लगा दिया है। जिलें में खुली नालियों को ढकने के लिए बजट में हरी झंडी मिल गई थी, लेकिन उसके बाद भी नालियों के ढकने का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है।
रायपुर नगर निगम के प्रत्येक वार्ड में नालियां खुली हैं। खुली नालियों से दुर्घटना होने का अक्सर डर बना हुआ है। इसके साथ ही नालियों से दुर्गंध आ रही है, जिससे आने-जाने वाले लोगों का जीना मुहाल हो रहा है।
खुली नाली होने के कारण सड़क का पूरा कचरा नाली में जा रहा है। यही नहीं, कई लोग भी अपने घरों का कचरा इसी में डाल देते हैं। इससे इस क्षेत्र में काफी दुर्गंध हो रही है, लेकिन समस्या का हल नही निकल पा रहा है। निगम के अधिकारी का कहना है कि कुछ वार्डों में नालियों के ढकने का काम शुरू कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि रायपुर नगर निगम के अंतर्गत कुल 70 वार्ड में 15 लाख आवादी निवासरत है। राजधानी के अधिकतर वार्ड में खुली नालियां राजधानी की जनता के लिए भी आफत बन गई।
टूटी नालियों को अभी तक कवर नहीं किया गया, जिस कारण शहर में बरसात होने पर अब लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश होने पर नालियों का सारा पानी सड़कों पर आ रहा है, लेकिन निगम की तरफ से इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
इन दिनों थोड़ी भी बरसात होने पर नालियों का गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। नगर निगम के कई वार्डों में नालियां टूट गई हैं। ऐसा जान पड़ता है कि जैसे सालों से नालियों की मरम्मत नहीं हुई है।
राजधानी के गोरखा कालोनी, सिंचाई कालोनी, न्यू शांति नगर, नूरानी चौक पड़ताल किया तो ज्यादातर नालियां खुली थीं। जनता अपने घर के बाहर आने जाने के लिए खुद ही नालियों को ढका है, जिससे वह आ-जा सकें। लोगों का कहना है कि निगम के पास बजट का प्रविधान होने के बाद भी कार्य शुरू क्यों नहीं किया जा रहा है?
वहीं विरोधी पक्ष का कहना है कि निगम के पास फालतू पैसा खर्च करने के लिए बजट है, लेकिन नालियों को ढकने के लिए निगम बजट का रोना रोता है।
नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर नगर निगम के 70 वार्डों में तकरीबन 4000 किलोमीटर तक छोटी-बड़ी नाली फैली है। राज्य सरकार ने तीन साल पहले आदेश जारी किया था कि जहां भी नाली बनाई जाए, उसे तुरंत ढका जाए, परंतु निगम के अधिकारी शासन के आदेश के बाद भी निर्माणाधीन नालियों को भी नहीं ढक रहे हैं।
अधिकारियों की दलील है कि नालियां शुरुआत से ढकी जाएं तो ठीक है। बीच में ढकने पर कचरा आकर वहां इकट्ठा हो जाएगा, जिससे पानी का निकास बंद हो जाएगा।