
चंद्रयान-2 ने खोज निकाली चंद्रमा पर ऑर्गन-40 गैस
भारत के चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर ने चौकाने वाला खुलासा किया है कि, जिसके मुताबिक, चंद्रमा के सबसे बाहरी आवरण (एक्सोस्फीयर) में ऑर्गन-40 गैस फैली हुई है। वहीं अब इस जानकारी से चंद्रमा की सतह के बारे नई जानकारियां हासिल हो सकेंगी। और अध्ययन में भी मदद मिलेगी।
एटमोस्फियरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर–2 ने दी जानकारी
इसरो ने बताया कि वैसे तो चंद्रमा पर इस गैस की मौजूदगी पहले भी मिली थी। लेकिन ताजा खोज में इसके उन क्षेत्रों में होने का पता चला जिसका अनुमान वैज्ञानिकों को पहले नहीं था। यह जानकारी आर्बिटर पर मौजूद चंद्रा के एटमोस्फियरिक कंपोजिशन एक्सप्लोरर – 2 (चेस – 2) ने दी है। यह एक मास स्पेक्ट्रोमीटर उपकरण है। यह उपकरण तत्वों के घनत्व, उनके मूल केमिकल और मॉलिक्यूल्स के ढांचे नापने का काम करता है।
2019 में नहीं मिली थी सफलता
बता दें कि, चंद्रयान-2 मिशन के तहत 2019 में चंद्रमा की सतह पर लैंडर और रोवर उतारे जाने थे। लेकिन इस मिशन में सफलता नही मिल पायी थी। मिशन का पहला भाग, इसका ऑर्बिटर सफलता से चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया गया था। इसमें लगे उपकरण कम से कम 7 साल तक चंद्रमा पर विभिन्न खोजें करते रहेंगे। इस साल के आखिर में इसरो चंद्रयान-3 मिशन भी भेज सकता है। इसरो के मुताबिक, 1972 में भेजे गए अमेरिकी मिशन अपोलो 17 ने सबसे पहले ऑर्गन-40 की चंद्रमा पर पुष्टि की थी। लेकिन तब यह केवल चंद्रमा के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में पाया गया था।
अध्ययन के जरिए ही खुलेंगे राज
इसरो के मुताबिक, एक्सोस्फीयर में ऑर्गन-40 गैस मिलने से चंद्रमा के बाहरी मंडल को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही उसकी सतह से दसियों मीटर भीतर होने वाली रेडियोधर्मी गतिविधियों का ज्यादा सही अनुमान लगाया जा सकेगा। इसरो ने बताया, चेस-2 ने ऑर्गन-40 गैस में अज्ञात वजहों से उभार भी पाया है। इसकी वजह चंद्रमा के भूकंप या कुछ और हो सकती है, इसे समझने के लिए ज्यादा अध्ययनों की जरूरत होगी।